पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में टाइटलर के खिलाफ शिकायतकर्ता ने कोर्ट में दर्ज कराए बयान

नई दिल्ली। वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले के आरोपित जगदीश टाइटलर के खिलाफ दर्ज मामले में गुरुवार को शिकायतकर्ता लखविंदर कौर ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए। स्पेशल जज राकेश स्याल ने लखविंदर कौर का क्रास-एग्जामिनेशन 15 अक्टूबर को करने का आदेश दिया।

काेर्ट में लखविंदर कौर ने कहा कि ग्रंथी सुरेंदर सिंह ने उन्हें बताया कि उनके पति बादल सिंह की गुरुद्वारा पुलबंगश के पास भीड़ ने हत्या कर दी। जगदीश टाइटलर उस भीड़ को उकसा रहे थे और कह रहे थे कि सिखों को मार दो, उजाड़ दो, गुरुद्वारा को आग लगा दो। टाइटलर ने राऊज एवेन्यू की ओर से आरोप तय करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है जो अभी लंबित है। 13 सितंबर को जगदीश टाइटलर ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया था। टाइटलर ने कोर्ट से कहा था कि वे ट्रायल का सामना करेंगे। कोर्ट ने 30 अगस्त को टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149, 153A, 188, 109, 295, 380, 302 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।

सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर की ओर से पेश वकील मनु शर्मा ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि 2009 में सह आरोपित सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया। मनु शर्मा ने कहा कि 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था। इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है। चार अगस्त 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी। कोर्ट ने 26 जुलाई 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत लगाया है। सीबीआई के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था। इसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दिया था।

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