गांधी जयन्ती पर आयोजित 46वें अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरा में बही कौमी एकता की बयार
बाराबंकी। स्थानीय गांधी भवन में बीते बुधवार की रात गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा गांधी जयन्ती पर 46वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रदेश के विभिन्न भागों से आए शायरों व कवियों ने अपनी रचनाओं को सुनाकर कौमी एकता को मजबूत करने का प्रयास किया। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कारागार मंत्री राकेश कुमार वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुए कवि सम्मेलन एवं मुशायरा में शायरों और कवियों ने अपनी रचना से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर खूब वाहवाही लूटी। मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री अरविन्द सिंह गोप ने कहा कि कविता और शायरी का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। सभी कवियों और शायरों को अपने स्तर से देश की एकता व अखंडता को मजबूत बनाने के लिए समाज के सामने रचनाएं प्रस्तुत करनी चाहिए। शायर कुंवर जावेद ने अपनी अनोखी प्यारी अयोध्या, बाराबंकी साथ मिलेंगे। बुरे वक्त में इक दूजे के, हाथ में हरदम हाथ मिलेंगे। पीरी फकीरी दुआ मिलेगी, ऋषियों का वरदान मिलेगा। पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा, सुनाकर लोगो से खूब वाहवाही लूटी।
गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र ने अपने सुरों का जादू बिखेरते हुए कहा कि साबरमती के संत थे, सरकार थे गांधी। भारत की चेतना थे, संस्कार थे गांधी। सुनाकर लोगो को तालियां बजाने को मजबूर किया। शायर डॉ अंजुम बाराबंकवी ने पढ़ा और क्या इससे बुरे दिन आएंगे, तंज कांटे कट रहे हैं फूल पर। कवि अशोक टाटम्बरी ने कहा कि, आज़ाद संग हमीद तो समझो बसंत है, होली में मिले ईद तो समझो बसंत है। टाटम्बरी जननी व जन्मभूमि के लिए, हो जाएं ग़र शहीद तो समझो बसंत है। शायर फज खुमार बाराबंकवी ने पढ़ा जो चाहते थे तुम लो वही हमने कर दिया, हम कत्ल हो गए तुम्हें कातिल बना दिया। कवि जमुना उपाध्याय ने पढ़ा, कुछ यूं हुआ कि मैने कहा आसमां का सच, भक्तों ने आसमान ही सर पे उठा लिया। कवि जितेन्द्र श्रीवास्तव ‘जीतू’ व शायर असद उमर ‘असद’ ने भी अपनी रचनाएं सुनाई।
इस मौके पर सपा प्रवक्ता फराजउद्दीन किदवई, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हिसाल बारी किदवई, पूर्व अध्यक्ष बृजेश दीक्षित, पूर्व उपाध्यक्ष कौशल किशोर त्रिपाठी, वामिक रफीक वारसी, वरिष्ठ पत्रकार हसमत उल्लाह, फरहत उल्ला किदवई, शऊर कामिल किदवई, आफाक अली, पत्रकार मोहम्मद उमैर, श्रीमती शशी श्रीवास्तव, नगर पुरोहित पं. अश्वनी कुमार मिश्र, विजयपाल गौतम, विनय कुमार सिंह, मो. उमैर किदवई, अताउर्रहमान सज्जन, वीरेन्द्र प्रधान, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा समेत अनेक लोग मौजूद रहे।