सीतापुर(बेहटा) विकास खंड बेहटा में फर्जी हाजिरी के जरिये जिम्मेदार बिना कार्य कराए ही लाखो के गबन कर रहे है,धरातल पर काम नही कराये जा रहे है फिर भी बिना कार्यो के भुगतान किए जा रहे है, जिस तरह से बिना कार्य के भुगतान हो रहे है उससे यह स्तिथि तो साफ हो रही कि भ्रष्टाचार को बीडीओ स्वयं बढ़ावा दे रहे है, क्योंकि बिना बीडीओ के संरक्षण के कोई भी अधीनस्थ कर्मचारी इस तरह का काम करने की हिमाकत नही करेगा।
ग्राम पंचायत बदरिया में मनरेगा से इस समय तीन काम संचालित किए जा रहे है, तीनो ही कार्यो पर महीनों से पुरानी फ़ोटो के सहारे फर्जी हाजिरी दर्ज की जा रही है, सोमपाल के खेत से बहादुर के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य पर 32 श्रमिको की हाजिरी दर्ज की जा रही है, रामखेलावन के खेत से ईश्वरी के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य पर 36 श्रमिको को हाजिरी दर्ज की जा रही है वही तीसरे कार्य ढोढे के खेत से लेखराज के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य पर 31 श्रमिको को हाजिरी दर्ज को जा रही है। तीनो ही कामो पर पुरानी फ़ोटो अपलोड कर फर्जी हाजिरी दर्ज की गई व मास्टर रोल हरे गए वही तकनीकी सहायक संजीव कुमार में बिना कार्य की जांच किए ही कार्य की एम बी कर भुगतान करा दिया इस पूरे मामले में तकनीकी सहायक, रोजगार सेवक, सचिव व प्रधान ने मिलकर घोटाले को अंजाम दिया है वही कही न कही बीडीओ भी संदेह के घेरे में आते दिखाई दे रहे है। क्योकि सोमपाल के खेत से बहादुर के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य की ऑनलाइन अपलोड की गई जियोटैग लोकेशन की जगह पर कोई कार्य ही नही हुआ है यंहा तक कि किसी भी प्रकार का कोई पुराना व नया कच्चा मार्ग नही मौजूद है, कार्य की स्टीमेट लागत 3लाख 81 हजार 184 रुपये की तय हुई है, वही बिना किसी कार्य के ही जिम्मेदारो न फर्जीवाड़ा करके 91008 रुपये का भुगतान कर दिया, इसी प्रकार रामखेलावन के खेत से ईश्वरी के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य पर 3 लाख 90 हजार 831 रुपये की लागत तय की गई है, और पहले से बने मार्ग पर ही 100962 रुपये का भुगतान कर दिया है।
जब इस सम्बंध में सचिव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जानकारी प्राप्त हुई है कार्य देखकर सूचित करते है।
जब कि ग्राम प्रधान ने बताया है कि कार्य जियोटैग के स्थल पर न चलकर दूसरी जगह चल रहा है जो कि ग्राम प्रधान के कहने के अनुसार स्वयं ही भ्रष्टाचार का प्रमाण है। जब एम बी करने वाले टी ए से जानकारी ली गई तो बताया गया कि काम बारिश में बह गया होगा जबकि लगातार कार्य पर श्रमिक की हाजिरी भरकर घोटाला किया जा रहा है।
जिम्मेदारो के द्वारा के नही रिसीब किया जा रहा फ़ोन
श्रमिको हाजिरी घोटाला को लेकर बीडीओ बेहटा व एपीओ बेहटा को फ़ोन लगाया गया तो फ़ोन नही रिसीब हुआ जिम्मेदारो द्वारा फ़ोन न रिसीब किए जाने पर जिला विकास अधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी को फ़ोन लगाया गया तो वंहा भी वही स्थिति थी।