कोलकाता। आरजी कर अस्पताल के सामने आयोजित होने वाली दुर्गा पूजा के लिए आयोजकों ने राज्य सरकार का अनुदान लेने से इनकार कर दिया है। पूजा समिति ने इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए 85 हजार रुपये के ‘दुर्गा भंडार’ को लौटा दिया है। बेलगाछिया युवा सम्मिलनी शारदोत्सव समिति की ओर से कहा गया है कि उनके दरवाजे पर हुए दर्दनाक घटना का विरोध करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
बेलगाछिया युवा सम्मिलनी की इस बार की पूजा 80वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। आयोजकों ने पहले से ही योजना बनाई थी कि इस वर्ष की पूजा को खास बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इसे अन्य वर्षों से अलग तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा। लेकिन अब पूजा बहुत साधारण तरीके से की जा रही है। पूजा समिति के संयोजक रमेश पांडे ने कहा, “हमारे दरवाजे पर ऐसी भयानक घटना घटी है, इसलिए हमने राज्य सरकार से मिलने वाले अनुदान को न लेने का निर्णय लिया है।”
रमेश पांडे ने आगे बताया कि आरजी कर अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अक्सर पास के चाय के स्टॉल और पुरानी इमारत के किनारे पर बैठते थे, जहां पीड़िता डॉक्टर भी अक्सर आती थी। उनकी दर्दनाक मौत के बाद, समिति ने मानवीय और संवेदनशील दृष्टिकोण से पूजा को बिना किसी आडंबर के करने का निर्णय लिया है।
पूजा स्थल पर पहले ही स्थायी दुर्गा वेदी में प्रतिमा आ चुकी है। रमेश कहते हैं, “हम कभी थीम पर आधारित पूजा नहीं करते। पारंपरिक तरीके से पूजा करते हैं। लेकिन इस बार सिर्फ पूजा करने की जरूरत महसूस हो रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि सप्तमी और नवमी के दिन हर साल होने वाली भंडारे की व्यवस्था इस बार नहीं की जा रही है, साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं होंगे।
इसके अलावा, आरजी कर अस्पताल के सामने किसी भी प्रकार का बैनर या होर्डिंग नहीं लगाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले, विभिन्न जिलों की कई पूजा समितियों ने भी इसी प्रकार राज्य सरकार के दिए गए ‘दुर्गा भंडार’ को ठुकरा दिया है अब आरजी कर अस्पताल के सामने की पूजा समिति भी इस सूची में शामिल हो गई है।