न डिग्री न रजिस्ट्रेशन फिर भी तख्त पर चल रहा दर्जनों मरीजो का उपचार

सीतापुर में हो रहा स्वास्थ्य सेवाओं के साथ बड़ा खिलवाड़

सीतापुर। न डिग्री न डिप्लोमा भवन भी मानक के अनुसार नही। खोला अस्पताल एक भी बेड नही फिर भी दर्जनों मरीज भर्ती तख्त पर लिटाकर किया जा रहा मरीजों का उपचार। डिग्री के नाम पर एक बोर्ड लगा जिस पर लिखा डा. संकटा प्रसाद पाल डिग्री के नाम पर लिखा बीएसी बायों और बन गये डाक्टर। इस तरह से मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करके धन कमाने का काम किया जा रहा है। मामला सिधौली तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत पड़ने वाली मनवा पुलिस चैकी से करीब दो किलोमीटर दूरी पर स्थित बालजति होते पटोहिया सिधौली पर पड़ने वाला यह प्राइवेट अस्पताल उपचार के नाम पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

सबसे बड़ी बात तो यह है अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नही है फिर भी यहां पर संकटा प्रसाद के नाम से प्राइवेट अस्पताल खोला गया है। यहां पर भले ही किसी डाक्टर के पास कोई डिग्री डिप्लोमा न हो इसके बाद भी यहां तैनात व्यक्ति अपने आपको हर मर्ज का विशेषज्ञ बताते हुए हर मर्ज का गम्भीरता से उपचार करते है। मरीज का उपचार जब तक किया जाता है तब तक मौत के करीब नही पहुंच जाता है। क्षेत्रवासियों की माने तो यह अस्पताल पिछले काफी समय से चल रहा है जबकि जानकारों का कहना है कि इस अस्पताल रजिस्ट्रेशन नही है। टीनडालकर भवन बनया गया है और यहां पर करीब बीस पच्चीस तख्त पड़े हुए है उन्ही पर बेड डालकर मरीजों को लिटाया जाता है और उन्ही तख्तों पर मरीजों को ग्लूकोज लगाया जा रहा है। जब डाक्टर बीएससी बायो पास है तो मरीज नर्स डिग्रीधारी कैसे हो सकती है। अगर समय रहते इस तरह के झोला छाप डाक्टरो और उनके अस्पतालों पर ध्यान नही दिया गया तो ऐसे डाक्टर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करते रहेगे।

जानकारी हो चुकी है होगी कार्यवाही-एसीएमओ

इस सम्बन्ध मे जब एसीएमओ अनूप कुमार श्रीवास्तव जिनको पास अवैध संचालित हो रहे अस्पतालों पर छापामार कार्यवाही करने जिम्मा है उन्होने बताया कि इस मामले की जानकारी हो चुकी है। छापा मार कार्यवाही करके झोला छाप डाक्टरों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।

क्या बोले बीएससी बायोपास डाक्टर संकटा प्रसाद

इस सम्बन्ध में जब बीएससी बायो के डिग्रीधारी डाक्टर संकटा प्रसाद से बात की गई तो उन्होने बताया कि हम आपसे शाम को विधिवत बात करेगे। शायद उक्त डिग्री धारी डाक्टर संकटा प्रसाद मरीजों के संकट को दूर करने में जुटे थे इस कारण उन्होने संवाददाता को अपना पक्ष शाम को देने की बात कही हैं।

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