हरियाली को खत्म करने में जुटी वन विभाग की टीम उच्च अधिकारी नहीं ले रहे हैं संज्ञान

खाओ कमाओ नीति से प्रतिदिन क्षेत्र में हो रहा लकड़ी का व्यापार

बीकेटी लखनऊ। प्रदेश सरकार जहां बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रतिवर्ष करोड़ वृक्ष लगवाने का काम कर रही है वहीं बीकेटी वन विभाग लगातार क्षेत्र में कंक्रीट के हरियाली को मिटाने में मदद करता नजर आ रहा है। इतना ही नहीं सूत्र बताते हैं कि यह सब वन विभाग की जानकारी में ही होता है वही मीडिया के संज्ञान में मामला आने पर मामूली रकम जुर्माने के रूप में वसूल कर मामले को रफा दफा कर दिया जाता है। लगातार इस तरह की घटनाएं तहसील क्षेत्र में प्रतिदिन घटित हो रही है। आखिर इस प्रकार की घटनाएं रोकने में वन के अधिकारी सक्षम क्यों नहीं है। आखिर क्या कारण ऐसा है। अगर आम आदमी जब अपनी जरूरत के लिए पेड़ की एक भी डाल काटता है तो यही वन विभाग उन पर रौब गालिब करता है। लेकिन बन माफिया और लकड़कट्टो के प्रति उदासीनता क्यों। रातों-रात पूरे के पूरे बाग साफ हो जाते हैं। रात में जेसीबी मशीन से पेड़ की जड़ों तक को उखाड़ कर मैदान बना दिया जाता है। आखिर यह आंख मिचौली का खेल कब तक चलता रहेगा।
लकड़ी माफियाओं का चला आरा प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार मंगलवार को रैथा गांव के पास बीस आम पेडे को काट कर धराशाही कर दिया गया क्षेत्र के लोगों ने बताया कि वन विभाग हलके के दरोगा व क्षेत्र की पुलिस के रहमों करम पर धड़ल्ले से प्रतिबंधित आम के पेड़ों पर आरा चलवाया जा रहा है या कोई नया खेल नहीं है इससे पहले इस हलके में कई आम की बागो को लकड़ी माफियाओं द्वारा काट कर धराशाई कर दिया गया है।
जब सोशल मीडिया पर यह खबर प्रकाशित होती हैं तो हलके के दरोगा खाओ कमाओ वाला जुर्माना दिखा देते हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि वन विभाग की संरक्षण में लकड़ी माफिया का बोलबाला है। जबकि एक तरफ सरकार करोड़ों रुपए खर्च करके पेड़ लगाए जाते हैं लेकिन दूसरी तरफ लकड़ी माफियाओं का आरा चल रहा है जिससे वन विभाग प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। वन विभाग की उदासीनता के चलते हरे पेड़ों का काटन थमने का नाम नहीं ले रहा है । इतना ही नहीं मीडिया कर्मियों को जानकारी होने पर वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रठा राठया हवाला बात कर देकर काम बना देते हैं
इससे पहले मुंशी खेड़ा में लगातार वन विभाग ठेकेदार को बढ़ावा दिया जा रहा पर पट्टी क्षेत्र में काटन नहीं बंद हो रहा योगी की सरकार में आज ही सूत्रों द्वारा जानकारी मिल रही हंखुरी गांव काटे गए जब वन विभाग से जानकारी की गई तो उनके पास एक ही जवाब है जुर्माना कर दिया गया है।अब देखना होगा जब सोशल मीडिया पर जानकारी होती है तब वन विभाग का खाओ कमाओ वाली नीति से कम दामों पर जुर्माना करके मामले को रफा दफा कर देते हैं।
वन विभाग लखनऊ सीओ ने बताया की क्षेत्र में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई का मामला संज्ञान में आया है। वन विभाग के कर्मचारी के प्रति जांच कर कार्रवाई की जाएगी

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