—विश्व पर्यटन दिवस पर ‘स्वच्छता ही सेवा’ से गंगा निर्मलीकरण का आह्वान
वाराणसी। विश्व पर्यटन दिवस पर शुक्रवार को भारत की शाश्वत पहचान ‘गंगा’ एवं काशी की अनमोल धरोहरों के संरक्षण तथा इन्हें स्वच्छ बनाए रखने के संकल्प के साथ मां गंगा का पूजन किया गया।
सिंधिया घाट पर नमामि गंगे के सदस्यों ने महर्षि योगी वेद विज्ञान अध्ययन पीठ के वेदपाठी बटुकों के साथ मां गंगा की आरती उतारी। विश्व भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने वाली भारत की राष्ट्रीय नदी मां गंगा का ध्वज लेकर अभिनंदन किया गया। भारत में आस्था और आजीविका का पर्याय गंगा के तट की सफाई की गई। भारत में पर्यटन की असीम संभावनाएं विकसित करने वाली गंगा के लिए गंगाष्टकम एवं द्वादश ज्योतिर्लिंगों का पाठ करके गंगा और उनकी सहायक नदियों की स्वच्छता सहित धरोहरों को संरक्षित रखने का आह्वान किया गया। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने इस दौरान कहा कि काशी ज्ञान, तप, कला और शौर्य की धरती रही है। पर्यटन के रूप में अतुल्य धरोहरों को संजोने वाली वाराणसी पर्यटन की दृष्टि से एक अलग स्थान रखती है। आइए आज ’विश्व पर्यटन दिवस’ के अवसर पर हम सभी मिलकर बनारस की धरोहरों को सहेजने एवं गंगा के निर्मलीकरण का संकल्प लें।