नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के बुद्धिस्ट शिक्षण विभाग के विभागाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ का चुनाव बुद्धिस्ट शिक्षण विभाग में भी कराने की मांग वाली याचिका पर विचार कर फैसला लें। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
यह याचिका शबाना हुसैन ने दायर की थी। याचिकाकर्ता ने इसके पहले सिंगल बेंच में याचिका दायर की थी। सिंगल बेंच ने 24 सितंबर को याचिका खारिज कर दी थी। सिंगल बेंच ने कहा था कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 19 सितंबर थी, ऐसे में अब हाई कोर्ट इसमें कोई दखल नहीं दे सकता है। सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में याचिका दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील आशु बिधूड़ी ने कहा कि बुद्धिस्ट शिक्षण विभाग दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ का हिस्सा होने के बावजूद विभाग ने पिछले एक दशक से चुनाव नहीं करवाया है। ऐसा करना छात्रों को अपने प्रतिनिधि चुनने के अधिकार से वंचित करना है। याचिका में कहा गया था कि बुद्धिस्ट शिक्षण विभाग छात्र संघ का चुनाव करवाने की बजाय अध्यक्ष और दूसरे केंद्रीय पदों पर छात्रों को नियुक्त करती है। याचिकाकर्ता शबाना हुसैन खुद केंद्रीय पार्षद के पद पर चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन विभाग के फैसले की वजह से उसे ये मौका नहीं मिल सका। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव का मतदान 27 सितंबर को होना है, जिसके लिए चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है।