नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण का आदेश दिया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की जनरल बॉडी की बैठक दस दिनों के अंदर बुलाई जाए और कोषाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित करने पर विचार हो। जनरल बॉडी चाहे तो एक और पदाधिकारी का पद महिला के लिए आरक्षित करने पर फैसला कर सकती है।
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के दस पदाधिकारियों में से कम से कम तीन पद महिलाओं के लिए आरक्षित हों। जनरल बॉडी इस बात पर विचार करे कि इन तीन महिला पदाधिकारियों में से एक पदाधिकारी सीनियर घोषित की जा चुकी वकील हों। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये काफी निराशाजनक है कि 1962 के बाद से अभी तक एक भी महिला अध्यक्ष पद पर नहीं आ सकीं।
यह याचिका वकील शोभा गुप्ता ने दायर की थी। याचिका में दिल्ली की बार एसोसिएशंस में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि बार एसोसिएशंस में महिलाओं की कम भागीदारी से उनके अधिकार प्रभावित होते हैं। शोभा गुप्ता ने इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 11 सितंबर को कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए सुनवाई 27 नवंबर तक के लिए टाल दी थी। उसके बाद शोभा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का आदेश दिया था।