-मंदिर में संगमरमर पर उकेरी गई अविभाजित भारत के त्रिआयामी भौगोलिक मानचित्र को देख भाव विभोर हुई
वाराणसी। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बुधवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में भाग लेने के बाद अचानक भारत माता मंदिर पहुंचीं। मंदिर परिसर में भ्रमण के दौरान राज्यपाल ने संगमरमर पर उकेरी गई अविभाजित भारत के त्रिआयामी भौगोलिक मानचित्र को ध्यान से देखा। मानचित्र का दृश्यावलोकन कर राज्यपाल भाव विभोर हाे उठीं। उन्होंने मौके पर ललित कला केंद्र के प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस दौरान महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो.आनंद कुमार त्यागी ने उन्हें अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भी प्रदान किया। मंदिर में राज्यपाल के साथ उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय तथा उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी भी साथ रही।
गौरतलब है कि भारत माता मन्दिर महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ के प्रांगण में ही है। इसका निर्माण डॉ. शिवप्रसाद गुप्त ने कराया और उद्घाटन सन 1936 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने किया था। इस मन्दिर में किसी देवी-देवता का कोई चित्र या प्रतिमा नहीं है बल्कि संगमरमर पर उकेरी गई अविभाजित भारत का त्रिआयामी भौगोलिक मानचित्र है। इस मानचित्र में पर्वत, पठार, नदियाँ और सागर सभी को बखूबी दर्शाया गया है।