बाराबंकी। जिनसे आप सीखते हैं, जिनके पीछे खड़े होकर आप संघर्ष के हर पहलू को समझते हैं। जिनके बताए रास्ते आपके लिए लक्ष्य बन जाते हैं। जो हम क्या, हमारे जैसे हज़ारों को गढ़ने के लिए अपने जीवन को खपा देते हैं, जब उनके दिखाए रास्ते पर चलकर आप दुनिया की नज़र में सम्मान पाते है, तो जो ख़ुशी होती है, उसे जताने के लिए अल्फ़ाज़ कम हो जाते हैं। हर्षित राजकुमार जिले की ऐसी ही एक शख्सियत का नाम हैं। जिन्हें राजधानी लखनऊ के सीएमएस आडोटोरियम में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित समारोह में शिक्षा रत्न से सम्मानित किया गया। बताते चलें कि बीते कई वर्षों से हर्षित राजकुमार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक अनूठी मिसाल पेश की है। एक कहावत है होनहार बिरवान के होत चिकने पात। इस कहावत को चरितार्थ करते हुए युवा समाजसेवी एवं शिक्षाविद् हर्षित राजकुमार युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरे है।
हर्षित राजकुमार ने अपने दिवंगत पिता स्व. अशोक कुमार सिंह की छांव में शिक्षा के क्षेत्र में कदम बढ़ाया। पिता का राजनैतिक एवं सामाजिक जीवन ज्यादा बड़ा नहीं हो सका। लेकिन उन्होंने उनसे जो भी कुछ सीखा उसे समाज को समर्पित कर दिया। जिला पंचायत अध्यक्ष रहे स्व. अशोक कुमार सिंह ने दो दशक पहले एसबीएस पब्लिक इंटर कॉलेज की स्थापना करके ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा की क्रान्ति पैदा की। समारोह के दौरान प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों और सामाजिक व्यक्तियों के प्रयास से समाज को नई दिशा मिलती है। जिससे देश और प्रदेश तरक्की के रास्तेू पर आगे बढ़ता है। हर्षित राजकुमार ने बहुत कम उम्र में शिक्षा को अग्रसारित करने का प्रयास किया है। शिक्षा रत्न पुरस्कार शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और शिक्षकों की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। अंत में एसबीएस पब्लिक इंटर कॉलेज के प्रबन्धक हर्षित राज कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह मेरे लिए यह क्षण बहुत ही भावुक और गौरवान्वित करने वाला है। संस्था की ओर मिला प्रोत्साहन मुझे प्रेरित करता रहेगा।