स्वच्छ भारत की उड़ रही धज्जियां सामुदायिक शौचालय होने के बाद भी महिलाओं को खुले में शौच जाना हुई मजबूरी

फतेहपुर बाराबंकी- प्रधानमंत्री के अथक प्रयास के बाद भी ग्राम प्रधान की मनमानी से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर सिमट कर रह गई एक तरफ सरकार लाखों खर्च कर ग्रामीणों के लिए समुदायिक शौचालय निर्माण करवाया गया ताकि गांव की रहने वाली महिलाओं को खुले में शौच जाना ना पड़े शौचालय की देखरेख के लिए केयर टेकर की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई जिसके लिए केयर टेकर को मानदेय दिया जा रहा ग्रामीणों को स्वच्छ जल पीने के लिए हैंडपंप के साथ घर-घर टोटी की व्यवस्था सुनिश्चित की गई गांव में कूड़ा एकत्रित करने के लिए एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र बनाए गए मगर केवल खाना पूर्ति के लिए वास्तविक या है कि ना तो शौचालय चल रहे ना ही हैंड पंप।

केवल कागजों पर चलाई जा रही सरकार की महत्वाकांक्षी योजना
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कैथा ब्लॉक फतेहपुरसे है जहां ग्राम पंचायत के डीगवा में बना सामुदायिक शौचालय खुद के ऊपर आंसू बहा रहा महीनों से बंद पड़ा शौचालय देखने वाला कोई नहीं शौचालय के चारों तरफ जंगल झाड़ी घूर दिखाई दे रहा जबकि गांव की महिलाओं को शौच के लिए दूसरों के खेत में जाना पड़ रहा है दूसरी ओर गांव रहने वाले राम सिंह रावत व राजेश रावत के हैंड पंप बरसों से खराब पड़े हैं कई बार ग्राम प्रधान से कहने के बावजूद भी नल तक नहीं बनवाया गया इसके लिए मीडिया कर्मी से राम सिंह ने ग्राम प्रधान के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि हैंडपंप बनवाने के नाम पर नल का सामान निकलवा ले गए दोबारा समान तक वापस नहीं किया पंचायत में बने पंचायत भवन के अंदर हैंड पंप खराब लगा हुआ हाई वोल्टेज लाइन 11 हजार के नंगे तार लटक रहे जो की किसी बड़े हादसे से का बेसबरी से इंतजार कर रहे हैं एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में ताला लटक रहा इस संबंध में खंड विकास अधिकारी फतेहपुर से दूरभाष के माध्यम से जानकारी लेने की कोशिश करी मगर खबर लिखने के समय तक फोन पर बात नहीं हो पाई।

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