फतेहपुर-बाराबंकी। नगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती युवक की कम्पाउडर द्वारा इंजेक्शन लगाने के बाद मौत हो गई। इस पर भड़के मृतक के परिजनों ने अस्पताल में डाक्टर की जगह कंपाउंडरों से इलाज कराने का आरोप लगाते हुए हंगामा करते हुए अस्पताल में तोड़फोड़ की। लोगों का आक्रोश देखते ही अस्पताल के सभी कर्मचारी भाग खड़े हुए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर लोगों को शांत किया। मृतक के भाई ने कोतवाली में प्रार्थना पत्र देकर शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
घटना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मुंडेरा निवासी अवधराम रावत (30वर्ष) बुखार से पीड़ित था। रविवार सुबह करीब छह बजे उसके भाई गोविंद व अन्य लोगों ने उसे जीजीआईसी के पास स्थित शशांक अस्पताल में भर्ती कराया। गोविंद ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की बजाय दो कंपाउडर किसी से फ़ोन पर पूछ पूछ कर इलाज कर रहे थे। इस दौरान दोपहर करीब दो बजे शिवम नामक कम्पाउडर ने अवधराम को कोई इंजेक्शन लगा दिया। जिसके तुरन्त बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। कुछ ही देर बाद अवधराम ने दम तोड़ दिया। मौत की खबर मिलते ही परिजनों में चीख पुकार मच गई।
सामान्य दशा में बातचीत कर रहे अवधराम की अचानक हुई मौत से परिजन आक्रोशित होकर हंगामा करने लगे। कंपाउडर पर गलत इंजेक्शन देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने अस्पताल स्टाफ से हाथापाई करते हुए तोड़फोड़ शुरू कर दी। परिजनों का आक्रोश भांप कर कंपाउडर व अन्य स्टाफ अस्पताल से फरार हो गए। मृतक की बहन रामावती रोते हुए बताया, कि अस्पताल पहुंचते ही बीस हजार रूपये जमा करा लिए गए। खून मंगाने के किये छह हजार अलग से लिए। पर खून पहुंचा ही नही। घरवाले कुल 50 हजार रुपए खर्च होने का आरोप लगा रहे हैं।सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा बुझाकर कोतवाली ले आयी। वही मृतक के भाई गोविन्द ने पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर भाई के शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग की। इस सम्बन्ध में कोतवाल डी.के सिंह ने बताया, मृतक के भाई द्वारा पीएम कराने का प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है, पीएम रिपोर्ट आने के बाद पीड़ित पक्ष द्वारा अगर कोई तहरीर प्राप्त होती है उस पर मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।