बांदा में 4 परिवार अतिक्रमण के कारण बेघर

उत्तर प्रदेश के बांदा में 40 साल से रह रहे चार परिवारों के घर पर नगर मजिस्ट्रेट ने बुलडोजर जला दिया महिला चिखती-चिल्लाती रही, लेकिन अधिकारियों ने उसकी एक नहीं सुनी महिला और उसके परिवारों के पास सिर छिपाने के लिए भी जगह नहीं है उन्होंने हाई कोर्ट की तरफ से जारी किया गया अपना आदेश भी दिखाया और प्रार्थना करते रहे कि बरसात है ऐसी हाल में वो कहां जाएंगे, लेकिन अधिकारियों ने बुलडोजर को नहीं रोका गया और उनके आशियाने को गिरा दिया गया दरअसल, अतिक्रमण वाली जगह पर बनाया गया था, जिस कारण इसे गिरा दिया गया

यह जमीन कताई मिल उत्तर प्रदेश कॉरपोरेशन की थी बाद में शासन ने एक पत्र जिला प्रशासन को भेज कर कहा कि यह जमीन खाली कराई जाए और इस जमीन को यूपीडा विभाग को सौंप दिया जाए अतिक्रमण वाली इस जगह पर चार गरीब परिवार 40 साल से रह रहे थे जिला प्रशासन ने जेसीबी के जरिए उनके आशियाने को गिराकर उन्हें बेघर कर दिया

चारों परिवार की महिलाएं हाथ जोड़ती रहीं, पुरुष चीखते और चिल्लाते रहे, लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी वहीं जिलाधिकारी ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है उन्होंने ये अतिक्रमण सरकारी आदेश के आधार पर ही किया है, साथ ही हाई कोर्ट की तरफ से दी गई समय सीमा भी खत्म हो चुकी है

जिलाधिकारी ने बताया
नगर मजिस्ट्रेट केलाल ने अतिक्रमण वाले क्षेत्र में बुलडोजर चलवा दिया इस बारे में इंचार्ज जिला कलेक्टर राजेश वर्मा जी से बात की गई तो उन्होंने फोन पर बताया की इन परिवारों का माननीय उच्च न्यायालय से 18 सितंबर तक का सेंट ऑर्डर था जो खत्म हो चुका है

उसको देखते हुए सरकार ने उसी पत्र का अनुपालन किया गया है सरकार ने यह आदेशित किया था कि इस जमीन को तत्काल इन परिवारों से खाली कराई जाए इंचार्ज कलेक्टर राजेश वर्मा जी ने यह भी बोले की पहले विस्थापितों को बस आएंगे, फिर उनका मकान तोड़ेंगे इसमें जरूर त्रुटि है अब हम उसे बाद में देखेंगे गरीब परिवार के लोग दोबारा से बसाए जाने के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं

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