मध्‍यप्रदेश में मानसून पड़ा कमजोर, 22 सितंबर तक तेज बारिश का अलर्ट नहीं

  • प्रदेश के ज्यादातर जिलों में खिलेगी धूप

भोपाल। मध्‍यप्रदेश में अब मानसून की गतिविधियों पर ब्रेक लग गया है। बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम कमजोर पड़ने से प्रदेश में 22 सितंबर तक तेज बारिश का अलर्ट नहीं है। आज गुरुवार को प्रदेश के ज्यादातर जिलों में धूप खिलेगी। प्रदेश में अब तक औसत 41.7 इंच बारिश हो चुकी है। यह सामान्य से 12 प्रतिशत अधिक है। भोपाल, मंडला, सिवनी, श्योपुर, सागर और निवाड़ी ऐसे जिले हैं, जहां 50 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। दूसरी ओर, इंदौर, उज्जैन और रीवा संभाग पिछड़े हुए हैं। यहां के ज्यादातर जिले सामान्य बारिश से काफी पीछे हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, एक सप्ताह से लो प्रेशर एरिया, मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की एक्टिविटी रही। इस वजह से प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश का दौर बना रहा, लेकिन अब सिस्टम आगे बढ़ गया है। 22 सितंबर तक कहीं भी तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है। इससे पहले बुधवार को प्रदेश के पूर्वी-उत्तरी हिस्से में तेज बारिश हुई। ग्वालियर, भिंड, टीकमगढ़ समेत 12 जिलों में पानी गिरा।

जबलपुर संभाग का मंडला जिला सबसे ज्यादा बारिश वाले जिलों में अव्वल है। यहां 57 इंच से अधिक पानी गिर चुका है। सिवनी में 54 इंच, श्योपुर में 51 इंच, भोपाल, निवाड़ी और सागर में 50 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। श्योपुर में सामान्य से दोगुनी बारिश हुई है। सबसे ज्यादा बारिश वाले टॉप-10 जिलों में सीधी, राजगढ़, डिंडौरी, रायसेन और छिंदवाड़ा जिले भी शामिल हैं।

बुधवार को जबलपुर के बरगी डैम के 9 गेट खोल दिए गए। टीकमगढ़ का वैसली जलाशय फुल टैंक लेवल को क्रॉस कर गया। भोपाल के पास कोलार डैम भी फुल हो गया। कलियासोत, केरवा और भदभदा डैम में भी पानी का लेवल बढ़ा। इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, मड़ीखेड़ा, तवा, मोहनपुरा, हलाली, अटल सागर, तिघरा, बानसुजारा, जोहिला समेत कई बांधों में भी पानी का लेवल बढ़ गया।

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