गोपालगंज। राजेंद्र बस स्टैंड की 85 कट्टा 9 धुर जमीन को फर्जी तरीके से निजी व्यक्ति के नाम से जमाबंदी किए जाने का मामला तुल पकड़ते जा रहे है। सदर एसडीओ के जांच के बाद नए नए मामलें का खुलासा सामने आ रहा है।
शहर में लगभग 500 करोड़ की सरकारी भूमि पर भू-माफियों ने फर्जी जमाबंदी के आधार पर लगभग 100 एकड़ भूमि पर कब्जा किया है। इसी कड़ी में राजेंद्र बस स्टैंड की भूमि खाता नंबर 57,65,178 तथा 179 खेसरा नंबर 106,162,161,157 और 121 रकबा एक विधा 85 कट्टा 9 धुर कुचायकोट थाना के सासामुसा गांव के अजय दूबे पिता चन्द्रमा दुबे के नाम सदर अंचल कार्यालय के मिली भगत से जमाबंदी किया गया है।
इस फर्जीवाड़े की जांच एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार ने बुधवार को किया। देर रात एसडीओ ने जिला पदाधिकारी मो मकसूद आलम को अपना रिपोर्ट सौंप दिया। सूत्रों की माने तो जांच रिर्पोट में सीओ गुलाम सरवर, राजस्व कर्मचारी दिनेश मिश्र और फर्जी जमाबंदी कराने वाले अजय दूबे को दोषी पाया है, और तीनों के खिलाफ एफआईआर करने एवं इसमें संलिप्त अंचल कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्व अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा किया है। जांच रिर्पोट सौंपने के बाद भू-माफियों में हड़कंप मचा हुआ है।
सूत्रों की मानें तो सीओ के द्वारा की गई। सभी जमाबंदी और परिमार्जन की कागजात के जांच के लिए जिला स्तरीय पदाधिकारियों की टीम गठित करने की कार्रवाई जा रही है।रजिस्टर-टू में जमाबंदी के अभिलेख में फर्जीवाड़ा सामने आया। रजिस्टर-टू के पन्ने को डॉट पेन से लिखा गया था और कुछ पन्नों को जेल पेन से जोड़कर संशोधित किया गया था। यह स्पष्ट हुआ कि जमाबंदी की रसीद फर्जी तरीके से कटवाई गई थी।
अंचल के दाखिल-खारिज केस नं.-360/1980-81 के तहत राजेंद्र बस स्टैंड की 85.9 कट्ठा जमीन की जमाबंदी कराई गई है। जमाबंदी पंजी में इस पृष्ठ के पूर्व के 4-5 पृष्ठों में एक ही राजस्व कर्मचारी के हस्ताक्षर से पूर्व पृष्ठों में एवं बाद के पृष्ठों में प्रविष्टि की गई है। जो बॉल पेन से लिखा गया हैं। पंजी-2 की जांच से स्पष्ट होता है कि जानबूझकर षड्यंत्र के तहत उक्त जमाबंदी किया गया है।