ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक पुरानी प्रचलित कहावत रही है ‘ले द चिप फॉल, व्हेयर दे में’ यानी जो चल रहा है उसे वैसे ही चलने दिया जाए। आज का यंग और एस्पिरेशनल भारत इस भावना पर नहीं चलता। आज के भारत का मंत्र है इंक्रीजिंग द नंबर्स ऑफ चिप्स प्रोड्यूस इन इंडिया और इसलिए हमने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को आगे बढ़ाने के लिए बहुत सारे कदम उठाए हैं। भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगाने के लिए 50 परसेंट सपोर्ट भारत सरकार दे रही है। हमारी राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर और मदद कर रही हैं। भारत की नीतियों के कारण ही बहुत कम समय में 1.5 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा के इन्वेस्टमेंट इस क्षेत्र में भारत में हो चुके हैं। आज कई प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं। सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम भी एक अद्भुत योजना है। इसके तहत फ्रंट एंड फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, सेमीकंडक्टर पैकेजिंग, कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स, सेंसर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट दिया जा रहा है। यानी भारत में 360 डिग्री एप्रोच के साथ काम हो रहा है। हमारी सरकार भारत में पूरे सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन इकोसिस्टम को आगे बढ़ा रही है। इस साल हमने लाल किले से कहा था कि हमारा सपना है कि दुनिया की हर डिवाइस में इंडियन मेड चिप हो। सेमीकंडक्टर पावर हाउस बनने के लिए जो भी जरूरी होगा भारत वो सब करने वाला है।
आज का युग सिलिकॉन डिप्लोमेसी का युग
क्रिटिकल मिनरल्स को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि क्रिटिकल मिनिरल्स के डॉमेस्टिक प्रोडक्शन और इसके ओवरसीज एक्विजिशन के लिए हमने कुछ दिन पहले क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा की है। क्रिटिकल मिनरल्स को कस्टम ड्यूटी से छूट देना हो, ब्लॉक्स की, माइनिंग की ऑक्शन हो, इन सब पर तेजी से काम हो रहा है। इतना ही नहीं, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस में एक सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर बनाने में भी काम कर रहे हैं। हम आईआईटी के साथ पार्टनरशिप कर रहे हैं, ताकि हमारे इंजीनियर्स न सिर्फ अभी के लिए हाईटेक चिप बनाएं बल्कि नेक्स्ट जेन चिप पर भी रिसर्च करें। हम इंटरनेशनल कोलाबरेशन को भी आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने ऑयल डिप्लोमेसी का नाम सुना है, आज का युग सिलिकॉन डिप्लोमेसी का युग है। इसी साल भारत इंडो पैसिफिक इकॉनमिक फ्रेमवर्क की सप्लाई चेन काउंसिल का वाइस चेयर चुना गया है। हम क्वॉड सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन इनीशिएटिव के भी बड़े पार्टनर हैं। हाल ही में हमने जापान और सिंगापुर समेत कई देशों के साथ एग्रीमेंट भी साइन किए हैं। इस सेक्टर में अमेरिका के साथ भी भारत अपना सहयोग लगातार बढ़ा रहा है।
भारत सेमीकंडक्टर चिप और उनके फिनिश गुड्स भी बनाएगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन का लक्ष्य देश को एक ट्रांसपेरेंट, इफेक्टिव और लीकेज फ्री गवर्नेंस देना था और आज हम इसके मल्टीप्लायर इफेक्ट को महसूस कर रहे हैं। एक दशक पहले हम मोबाइल फोन्स के बड़े इंपोर्टर्स में एक थे और आज हम दुनिया के नंबर 2 प्रोड्यूसर और एक्सपोर्टर हैं। अभी एक ताजा रिपोर्ट आई है कि आज भारत 5जी हैंडसेट्स का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट बन चुका है। दो साल पहले ही हमने 5जी रोलआउट शुरू किया था और आज देखिए हम कहां से कहां पहुंच चुके हैं। आज भारत का इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर 150 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का हो चुका है और अब तो हमारा लक्ष्य और भी बड़ा है। इस दशक के अंत तक हम अपने इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं। इससे भारत के युवाओं के लिए करीब 6 मिलिनयन यानि 60 लाख जॉब्स क्रिएट होंगी। भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर को भी इसका बहुत अधिक फायदा होगा। हमारा लक्ष्य है कि इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का शत प्रतिशत काम भारत में ही हो यानि भारत सेमीकंडक्टर चिप भी बनाएगा और उनके फिनिश गुड्स भी बनाएगा। मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हो, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हो या सेमीकंडक्टर हो, हमारा फोकस एकदम क्लियर है। हम एक ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं, जो संकट के समय भी रुके नहीं, ठहरे नहीं, निरंतर चलती रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव, जितिन प्रसाद, सांसद महेश शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के दुनिया भर से पधारे ग्लोबल लीडर्स, सीईओज और विशेषज्ञ उपस्थित रहे।