बंगाल में बच्चों के यौन उत्पीड़न के खिलाफ अपराधों की सुनवाई के लिए अदालतों की संख्या बढ़ी

‌कोलकाता। पश्चिम बंगाल में दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ चल रहे जबरदस्त विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार ने बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन उत्पीड़न के अपराधों के जल्द निपटान के लिए कदम बढ़ाया है। अब यहां पॉक्सों अदालतों की संख्या बढ़कर 67 करने पर सहमति बनी है। पहले यह संख्या 62 थी। मंत्रिमंडल ने पांच और अदालतों की स्थापना की सहमति दी है।

यह निर्णय उस समय लिया गया जब राज्य के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ राज्यभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बताया कि यह कदम बच्चों के साथ यौन शोषण से जुड़े मामलों का शीघ्र निपटारा करने के लिए उठाया गया है। भट्टाचार्य ने बताया कि राज्य में पहले से ही 62 यौन अपराध संरक्षण अदालतें हैं, जिनमें से छह ई-यौन अपराध संरक्षण अदालतें हैं।

उन्होंने कहा, “हमारे न्याय विभाग से पांच और विशेष यौन अपराध संरक्षण अदालतों की स्थापना का प्रस्ताव आया था। मंत्रिमंडल ने आज इसे मंजूरी दे दी है। इन अदालतों की संख्या बढ़ने से बाल शोषण के मामलों का जल्द समाधान हो सकेगा।”

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