नई दिल्ली। भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया ने कहा कि पेरिस पैरालिंपिक के बाद दुनिया ने ये मान लिया कि है कि भारत एक स्पोर्टिंग कंट्री बन गया है।
भारतीय दल ने पेरिस में अपने पैरालिंपिक अभियान का समापन सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य सहित 29 पदकों के साथ किया। पैरालिंपिक के इतिहास में भारत द्वारा जीते गए 29 पदक सबसे अधिक हैं।
इस ऐतिहासिक अभियान के समापन के बाद, भारत ने टोक्यो 2020 पैरालिंपिक में हासिल किए गए 19 पदकों के अपने रिकॉर्ड को भी पार कर लिया। भारत ने इस मार्की इवेंट का समापन 18वें स्थान पर किया।
इससे पहले मंगलवार को पेरिस पैरालिंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय दल भारत वापस लौट आया।
साक्षात्कार में झाझरिया ने कहा कि पेरिस पैरालिंपिक के बाद दुनिया ने ये मान लिया कि है कि भारत एक स्पोर्टिंग कंट्री बन गया है।
उन्होंने कहा, “पेरिस में हमारे खिलाड़ियों ने इतिहास बनाया है सबसे बड़ा मैसैज ये है कि पेरिस पैरालिंपिक के बाद दुनिया ने ये मान लिया कि है कि भारत एक स्पोर्टिंग कंट्री बन गया है, क्यों कि हम पदक तालिका में शीर्ष 20 में शामिल हो गए हैं, जो बड़ी बात है।”
झाझरिया ने कहा, “जब हम भारत से रवाना हुए थे, तो हमने सोचा था कि हम 25 से ज़्यादा पदक जीतेंगे और शीर्ष 17-18 देशों में शामिल होंगे। भारत अब एक खेल राष्ट्र बन गया है। हमने इतिहास रच दिया है। दूसरे देशों को भी अब एहसास हो गया है कि भारत ने कितना अच्छा प्रदर्शन किया है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की योजनाओं की वजह से ही भारत ने बहु-खेल आयोजन में इतिहास रच दिया है।
उन्होंने कहा, “पिछले 10 सालों में खेलों में काफ़ी काम हुआ है, चाहे वह टॉप्स हो, खेलो इंडिया हो, प्रशिक्षण केंद्र हो आदि। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र की योजनाओं की वजह से ही हमने इतिहास रच दिया है।”
झाझरिया ने आगे कहा, “हमने तीरंदाज़ी में पहला स्वर्ण पदक जीता। हमने ब्लाइंड जूडो में भी पहला पदक जीता। यह शानदार प्रदर्शन था। हमने 12 महीने पहले से ही पेरिस पैरालिंपिक की तैयारी शुरु कर दी थी, हमने पेरिस में पहले ही देख लिया था कि इंडियन फूड रेस्टोरेंट कौन से अच्छे हैं। तो ये एकदिन का परिणाम नहीं है, मैं उन लोगों का भी आभार जताता हूं, जिन्होंने हमारे एथलिटों के लिए हरसंभव मेहनत की, पूरे पैरालिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया परिवार को भी बधाई देता हूं क्योंकि ये किसी एक का नहीं, बल्कि सबका योगदान है मसाजर से लेकर प्रधानमंत्री तक सभी इस सफलता के भागीदार हैं।”
झाझरिया ने प्रधानमंत्री मोदी का भी आभार जताया, उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने पिछले 10 साल में पैरा स्पोर्टस के लिए जो काम किया है वो असाधारण रहा है, उन्होंने हौसला भी बढ़ाया है और सुविधाएं भी दी हैं, उन्होंने दोनों काम किया है, समय से खिलाड़ियों से बात करना उनका हौसला अफजाई करना वो करते आ रहे हैं, जब हम पेरिस जा रहे थे तो उन्होंने सभी से मुलाकात की और हौसला बढ़ाया, सभी खिलाड़ियों के प्रति उनका उत्साह रहता है, उनके एक-एक शब्दों से खिलाड़ी हौसला लेते हैं।”
बता दें कि भारत ने पैरालिंपिक खेलों में कई रिकॉर्ड फिर से बनाए और पहली बार कुछ उपलब्धियां हासिल कीं। पैरा-शूटर अवनी लेखरा दो पैरालिंपिक स्वर्ण पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं, क्योंकि उन्होंने 249.7 अंकों के विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 शूटिंग खिताब को बरकरार रखने में कामयाबी हासिल की।
भारत ने पहली बार पैरा-एथलेटिक्स प्रतियोगिता में पहला और दूसरा स्थान हासिल किया, जिसमें धरमबीर और परनव सूरमा ने पुरुषों की क्लब थ्रो F51 स्पर्धा में क्रमशः स्वर्ण और रजत जीता। यह इस खेल में भारत के पहले पदकों में से एक था। धरमबीर ने 34.92 मीटर का एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया।
T64 हाई जंप स्पर्धा में प्रवीण कुमार 2.08 मीटर की एशियाई रिकॉर्ड-तोड़ छलांग के साथ पोडियम के शीर्ष पर रहे, जिससे भारत को छठा स्वर्ण पदक मिला। भारत ने सात स्वर्ण पदकों के साथ प्रतियोगिता समाप्त की।
भारत को ओलंपिक और पैरालिंपिक में अपना पहला तीरंदाजी चैंपियन भी मिला, जिसमें हरविंदर सिंह ने पोलैंड के लुकाज़ सिसजेक के खिलाफ व्यक्तिगत रिकर्व पैरा-तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीता।
भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल पैरालिंपिक खिताब का बचाव करने वाले पहले भारतीय पुरुष बन गए, उन्होंने 70.59 मीटर के शानदार पैरालिंपिक रिकॉर्ड-ब्रेकिंग थ्रो के साथ F64 इवेंट में लगातार दो स्वर्ण पदक जीते। उन्होंने टोक्यो 2020 के दौरान बनाए गए अपने पिछले रिकॉर्ड को एक बार नहीं, बल्कि तीन बार तोड़ा।