शिमला। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कांगड़ा के गरली में स्थापित को-ऑपरेटिव ट्रेनिंग सेंटर को ऊना शिफ्ट नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जितने भी सहकारी प्रशिक्षण केंद्र हैं, सरकार उन सभी केंद्रों को मजबूत करने के लिए कदम उठाएगी। उपमुख्यमंत्री ने यह बात विधायक बिक्रम ठाकुर द्वारा नियम-62 के तहत को-ऑपरेटिव ट्रेनिंग सेंटर गरली को ऊना हस्तांतरित किए जाने बारे लाए गए ध्यानाकर्षित प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कही।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गरली में 1981 में सहकारी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है। इसमें 60 प्रशिणार्थियों के प्रशिक्षण व ठहरने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा सहकारी प्रशिक्षण केंद्र गरली बिना किसी रूकावट के काम करता रहेगा और अपना उद्देश्य पूरा करता रहेगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में सहकारी आंदोलन की शुरूआत ऊना में वर्ष 1892 में हुई थी। हिमाचल से 133 साल पहले शुरू हुआ यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया। उन्होंने कहा कि भारत में इस आंदोलन के शुरूआत मियां हीरा सिंह ने किया था। उन्होंने कहा कि मियां हीरा सिंह ने सोसायटी तो बना ली, लेकिन उसे रजिस्टर्ड नहीं किया। वर्ष 1904 में पहली बार सोसायटी को रजिस्टर्ड किया गया। इसके बाद पूरे देश में सहकारी आंदोलन शुरू हुआ।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्होंने इस आंदोलन की शुरूआत की, उनको मान-सम्मान देने के लिए ऊना के पंजावर में इस नए केंद्र का नाम मियां हीरा सिंह राज्य स्तरीय सहकारी प्रशिक्षण केंद्र पंजावर रख गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित सहकारी प्रशिक्षण केंद्र का शिलान्यास 8 फरवरी 2024 को किया गया। इसकी अनुमानित लागत करीब 8 करोड़ रुपए है। इस प्रस्तावित सहकारी प्रशिक्षण संस्थान से संबंधित जमीन सहकारिता विभाग के नाम है और हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी विकास संघ इस जमीन पर इस प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण कर रहा है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में रजिस्टर्ड सहकारी सभाएं और सचिव राज्य सहकारी विकास संघ के बीच एमओयू 3 अगस्त 2024 को हो गया है। उन्होंने कहा गरली और ऊना में यह दोनों प्रशिक्षण केंद्र एक साथ काम करते रहेंगे और अपनी अपनी प्रशिक्षण गतिविधियां चलाते रहेंगे।
इससे पहले विधायक बिक्रम ठाकुर ने ध्यानाकर्षण माध्यम से यह मामला उठाते हुए कहा कि सरकार गरली के सहकारी प्रशिक्षण केंद्र को ऊना शिफ्ट कर रही है। उन्होंने कहा कि गरली के लोगों की भी शंकाएं हैं कि इस केंद्र को यहां से ऊना शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान शिफ्ट न किया जाए।