-धार्मिक ग्रंथों में स्पर्श चिकित्सा का वर्णन
प्रयागराज। बीमारी ठीक करने के दो तरीके हैं। पहला केमिकल एनर्जी अर्थात् दवाएं जिस पर बहुत ज्यादा शोध हुआ है और हो रहा है। दूसरा यूनिवर्सल एनर्जी यानी छूकर तरंगों के माध्यम से किया जाने वाला इलाज अर्थात् स्पर्श चिकित्सा जो आध्यात्मिक शक्तियों पर आधारित है।
यह बातें एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान की ओर से रेकी सेंटर पर मंगलवार को जाने-माने स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि एलोपैथ, आयुर्वेद और होम्योपैथ चिकित्सा के जमाने में स्पर्श चिकित्सा से कम लोग ही परिचित होंगे। जबकि पुराने और धार्मिक ग्रंथों में स्पर्श चिकित्सा का वर्णन मिलता है। इसे सीख कर बिना किसी तरह का धन व्यय किए ही रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। इसमें बस आत्मविश्वास और ध्यान देने की जरूरत होती है।
पैसे के अभाव में लोग इलाज नहीं करा पाते
उन्होंने कहा कि सेहत सबसे बड़ी सम्पत्ति है। यदि सेहत अच्छी न हो तो दुनिया का कोई भी सुख-सम्पत्ति, वैभव व्यक्ति को असली खुशी नहीं दे सकता। यहां तरह-तरह की बीमारियों से लोग त्रस्त हैं। पैसे के अभाव में लोग इलाज नहीं करा पाते। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है स्पर्श चिकित्सा पद्धति को अपनाकर लोग बिना पैसा खर्च किए ही स्वस्थ हो सकते हैं।
मौसमी बीमारियों से होती है शरीर की रक्षा
सतीश राय ने कहा कि स्पर्श चिकित्सा को जीवन का हिस्सा बनने से मौसम बदलने पर स्वास्थ्य से जुड़ी मौसमी चुनौतियां जैसे सर्दी जुकाम, खांसी, कफ, गले में खराश, बुखार जैसे रोग से बचेंगे और स्वस्थ रहेंगे। उन्होंने कहा कि मौसम का तापमान बढ़ने या गिरने से सांस के रोगियों की बीमारियां बढ़ जाती हैं। यह बीमारी ठंड के मौसम में ज्यादा होती है। सर्दियों में अपने जीवन शैली में परिवर्तन कर शरीर को कड़ाके की ठंड से जूझने के लिए तैयार करें। ताकि मौसमी बीमारियों से बचाव हो। शरीर में गर्मी पैदा करने एवं ऊर्जा प्राप्त करने का सबसे अच्छा स्रोत है स्पर्श चिकित्सा। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और शरीर को स्वस्थ रखता है।