भारत में मंकीपॉक्स का एक मामला सामने आया है. दरअसल, हाल ही में एक एक युवा शख्स की एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के संक्रमण के संदिग्ध मामले के रूप में की गई है. मरीज को आइसोलेशन के लिए स्पेशीफाइड अस्पताल में अलग रखा गया है. फिलहाल, उसकी हालत स्थिर है. एमपॉक्स की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए रोगी के सैंपल का टेस्ट किया जा रहा है.
इस मामले को स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार मैनेज किया जा रहा है और संभावित सोर्स की पहचान करने और देश के भीतर प्रभाव का आकलन करने के लिए उसकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जारी है. यह केस एनसीडीसी की ओर से किए गए रिस्क असेसमेंट के अनुरूप है और किसी भी अनावश्यक चिंता का कोई कारण नहीं है.
मंकीपॉक्स से निपटने के लिए किए जा रहे उपाय
देश इस तरह के अलग-थलग यात्रा से संबंधित मामले से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित करने और कम करने के लिए कड़े उपाय किए गए हैं. जिसके लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जरूरी गाइडलाइंस जारी की हैं. साथ ही राज्यों को कोरोना वायरस की चुनौती के बीच अलर्ट रहने के लिए कहा गया है.
जानिए कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
पिछले दिनों हुई स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक में यह बात सामने आई थी कि मंकीपॉक्स का सामान्यतः 2-4 सप्ताह का संक्रमण होता है और रोगी आमतौर पर सहायता संबंधी प्रबंधन से ठीक हो जाते हैं. संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क से और आमतौर पर यौन संपर्क, शरीर, घाव के तरल पदार्थ के साथ सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़े, चादर का इस्तेमाल करने से होता है.