नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को निर्देश दिया है कि वो 15 दिनों के अंदर एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान करे। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सहारा समूह चाहे तो वो अपनी मुंबई की वर्सोवा की संपत्ति को विकसित करने के लिए संयुक्त उपक्रम कर सकती है।
कोर्ट ने कहा कि अगर सहारा समूह वर्सोवा की संपत्ति को विकसित करने के लिए कोई संयुक्त उपक्रम शुरू नहीं करती है तो सुप्रीम कोर्ट उसे खुद जैसा है जहां है की तर्ज पर बेचेगी। कोर्ट ने कहा कि अगर संयुक्त उपक्रम एक हजार रुपये जमा करती है तो उसे एक एस्क्रो अकाउंट में रखा जाएगा।
बतादें कि सुप्रीम कोर्ट के 2012 के आदेश के मुताबिक सहारा समूह को 25 हजार करोड़ रुपये सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा करना था। इसमें से सहारा समूह ने 15 हजार करोड़ रुपये जमा किए हैं। सेबी ने कहा है कि सहारा ने निवेशकों के पैसे लौटाने के सुप्रीम कोर्ट के 2012 और 2015 के आदेशों का पालन नहीं किया। करीब दो साल से ज्यादा समय तिहाड़ जेल में गुजारने के बाद सुब्रत राय को 06 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था। सुब्रत राय की माताजी के देहांत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था। सुब्रत राय को मार्च 2014 में कोर्ट की अवमानना के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सुब्रत राय की मौत 14 नवंबर 2023 को हो गई थी।