उत्पाद सिपाही की भर्ती दौड़ में यूवक की मौत

गिरिडीह: झारखंड के हजारीबाग के पदमा में आयोजित उत्पाद सिपाही की भर्ती दौड़ में गिरिडीह देवरी प्रखंड के माणिकबाद के रहने वाले सूरज वर्मा पिता प्रभु वर्मा की भी मौत हो गई सूरज ने 10 किलोमीटर की दौड़ को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था लेकिन, इसके बाद उनकी मौत हो गई सूरज के परिजनों के अनुसार सूरज अपने घर से एक दिन पहले निकले थे और दौड़ के लिए वह सुबह से ही लाइन में खड़े थे दौड़ के दौरान सूरज वर्मा अचानक चक्कर खाकर गिर गए मौके पर मौजूद अधिकारियों ने तुरंत उन्हें शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया डॉक्टर ने मौत का कारण हार्ट अटैक बताया है

सूरज के दोस्तों के अनुसार उम्मीदवारों को लगभग 12 घंटे तक लाइन में खड़ा रखा गया और फिर दौड़ाया गया सूरज पहले से ही बीएड की पढ़ाई पूरी कर चुका था और उसने जेपीएससी पीटी परीक्षा भी पास कर ली थी इसके बावजूद बेरोजगारी के चलते वह उत्पाद सिपाही के दौड़ में हिस्सा ले रहा था सूरज के परिवार ने आरोप लगाया है कि दौड़ के दौरान मेडिकल सुविधाओं की कमी थी और कड़ी धूप में बिना उचित व्यवस्था के दौरान किया जा रहा था

बड़ी मुश्किल से जमा किए थे 1000 रुपये
सूरज के 10 वर्षीय छोटे भाई राजीव कुमार वर्मा ने बताया कि अपने खेत की मूली को बाजार में बेचकर ₹1000 जमा किए थे ताकि अपने बड़े भाई सूरज को दौड़ में भाग लेने के लिए हजारीबाग भेज सकें लेकिन, जब सूरज की मौत की सूचना छोटे भाई समेत परिवार वालों को मिली सभी की हालत खराब हो गयी परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है बता दें, झारखंड उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ मौत की दौड़ बन चुकी है सिपाही भर्ती दौड़ में शामिल हुए 12 अभ्यर्थियों की मौत के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने 5 सितंबर तक इसे स्थगित कर दिया है वहीं इस बीच

लोगों का हेमंत सरकार से सवाल
वहीं इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों में भी आक्रोश है उनका कहना है कि उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया में पहले भी कई मौतें हो चुकी है और प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है लोग हेमंत सरकार से सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक ऐसी घटनाएं होती रहेगी और कब तक युवाओं की जान जोखिम में डालकर भर्ती आयोजित की जाएगी

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