लखनऊ। रामपुर जिला महिला अस्पताल समेत प्रदेश की 30 और स्वास्थ्य इकाइयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) प्रमाण पत्र मिल गया है। इस तरह वर्ष 2025 के अंत तक प्रदेश की 50 फीसदी स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास प्रमाणित कराने के लक्ष्य की ओर स्वास्थ्य विभाग अग्रसर है। बड़ी बात यह है कि रामपुर जिला महिला अस्पताल को एनक्वास, लक्ष्य और मुस्कान तीनों प्रमाण पत्र प्राप्त हुए हैं। इन 30 स्वास्थ्य इकाइयों को मिलाकर प्रदेश में अब तक 307 अस्पतालों को एनक्वास मिल चुका है। इसी बीच राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की मिशन निदेशक ने विभिन्न जिलों की 31 और स्वास्थ्य इकाइयों का जल्द स्टेट एसेसमेंट करने का निर्देश दिया है।
एनएचएम के महाप्रबंधक डाॅ. निशांत जायसवाल के अनुसार जिन 30 स्वास्थ्य इकाइयों को हाल में एनक्वास प्रमाण पत्र मिला है, उनमें रामपुर जिला महिला अस्पताल के अलावा शाहजहांपुर की तिलहर, कानपुर देहात की गजनेर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और लखनऊ की अर्बन पीएचसी शामिल है। इसके अलावा फतेहपुर व प्रयागराज के तीन-तीन, गाजियाबाद, बिजनौर व शाहजहांपुर के दो-दो, लखनऊ, गाजीपुर, श्रावस्ती, सहारनपुर, संभल, हमीरपुर, कानपुर देहात, मिर्जापुर, सहारनपुर, गोण्डा, बहराइच, हरदोई, फर्रुखाबाद, कुशीनगर के एक-एक आयुष्मान आरोग्य मंदिर को एनक्वास मिला है।
उधर, एनएचएम की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने 24 जनपदों की 31 स्वास्थ्य इकाइयों का स्टेट एसेसमेंट कराने के लिए इन जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को लिखा है। उन्होंने निर्देशित किया है कि सात सितंबर तक इस सभी इकाइयों का एसेसमेंट करा लिया जाए ताकि फिर नेशनल टीम आंकलन करने आ सके। अगर यह सभी इकाइयां स्टेट के बाद नेशनल एसेसमेंट में भी मानक के अनुरूप मिलीं तो इनको भी एनक्वास मिल जाएगा।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर में मिलने वाली सुविधाएं
•गर्भावस्था एवं शिशु जन्म देखभाल
•नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल
•बाल स्वास्थ्य एवं किशोरावस्था स्वास्थ्य देखभाल
•परिवार नियोजन, गर्भ निरोधक सेवाएं एवं अन्य प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल
•संचारी रोगों का प्रबंधन
•गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग और ओपीडी