नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र के तटीय सिंधुदुर्ग जिले में शिवाजी की प्रतिमा गिरने की घटना से आहत लोगों से माफी मांगी।
प्रधानमंत्री ने आज महाराष्ट्र के पालघर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। आज की परियोजनाओं में लगभग 76,000 करोड़ रुपये की लागत से वधावन बंदरगाह की आधारशिला रखना और लगभग 1,560 करोड़ रुपये की लागत वाली 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास शामिल है। मोदी ने लगभग 360 करोड़ रुपये की लागत से पोत संचार और सहायता प्रणाली के राष्ट्रीय रोलआउट का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने मछली पकड़ने के बंदरगाहों, मछली लैंडिंग केंद्रों और मछली बाजारों के निर्माण के विकास, उन्नयन और आधुनिकीकरण सहित महत्वपूर्ण मत्स्य अवसंरचना परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। उन्होंने मछुआरों के लाभार्थियों को ट्रांसपोंडर सेट और किसान क्रेडिट कार्ड सौंपे।
सिंधुदुर्ग में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि शिवाजी महाराज केवल एक नाम, एक पूजनीय राजा या एक महान व्यक्तित्व नहीं हैं, बल्कि वे हमारे आराध्य देव हैं। मैं सिर झुकाकर छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।”
वीर सावरकर का अपमान करने वालों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, “हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं, जो आए दिन भारत मां के महान सपूत, इसी धरती के लाल वीर सावरकर को अनाप-शनाप गालियां देते रहते हैं, अपमानित करते रहते हैं, देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं। वे लोग वीर सावरकर को गालियां देने के बाद भी माफी मांगने को तैयार नहीं हैं। उनको पश्चाताप नहीं होता है। महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कार को अब जान गई है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “महाराष्ट्र के लोगों को उन लोगों से सावधान रहना चाहिए जो वीर सावरकर का अपमान करते हैं और इसके लिए कोई पछतावा नहीं करते हैं।”
राज्य और देश की विकास यात्रा में इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में महाराष्ट्र के विकास के लिए बड़े कदम उठाए हैं, क्योंकि विकसित महाराष्ट्र विकसित भारत के संकल्प का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है।
राज्य के ऐतिहासिक समुद्री व्यापार का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि राज्य के पास तटीय निकटता के कारण विकास की क्षमता और संसाधन हैं, जो भविष्य के लिए अपार संभावनाओं को समेटे हुए हैं। उन्होंने कहा, “वधावन बंदरगाह देश का सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह होगा और इसे दुनिया के गहरे पानी के बंदरगाहों में गिना जाएगा। यह महाराष्ट्र और भारत के लिए व्यापार और औद्योगिक विकास का केंद्र बनेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया वधावन बंदरगाह की ओर देख रही है”, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दुनिया में बहुत कम बंदरगाह वधावन बंदरगाह की 20 मीटर की गहराई से मेल खा सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे और राजमार्ग संपर्क के कारण बंदरगाह पूरे क्षेत्र के आर्थिक परिदृश्य को बदल देगा। उन्होंने उल्लेख किया कि समर्पित पश्चिमी माल गलियारे से इसकी कनेक्टिविटी और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निकट होने के कारण यह नए व्यवसायों और गोदामों के लिए अवसर पैदा करेगा। उन्होंने कहा, “पूरे साल इस क्षेत्र में माल का आना-जाना लगा रहेगा, जिससे महाराष्ट्र के लोगों को लाभ होगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “महाराष्ट्र का विकास मेरे लिए बहुत बड़ी प्राथमिकता है।” उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ कार्यक्रमों के माध्यम से महाराष्ट्र द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। भारत की प्रगति में महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने विकास को रोकने की कोशिश करने वालों के प्रयासों पर अफसोस जताया।
वधावन बंदरगाह परियोजना को लगभग 60 वर्षों तक अटकाए रखने के लिए पिछली सरकार के प्रयासों पर अफसोस जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को समुद्री व्यापार के लिए एक नए और उन्नत बंदरगाह की आवश्यकता थी लेकिन 2016 से पहले इस दिशा में काम शुरू नहीं हुआ। देवेंद्र फडणवीस के सत्ता में आने के बाद ही इस परियोजना को गंभीरता से लिया गया और 2020 तक पालघर में बंदरगाह बनाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार बदलने के कारण यह परियोजना फिर से 2.5 साल के लिए अटक गई। प्रधानमंत्री ने बताया कि अकेले इस परियोजना में कई लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है और यहां लगभग 12 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ने देने के लिए पिछली सरकारों पर भी सवाल उठाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के विश्वास के साथ काम करती है। मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि महाराष्ट्र के लोगों की मदद से राज्य विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।