शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने एचआरटीसी की बसों में सफ़र के लिए पुलिसकर्मियों के अंशदान में पांच गुना बढ़ोतरी किए जाने को अनुचित बताते हुए वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी शासकीय काम से ही यात्रा करती है, ऐसे में उसे अपनी जेब से पैसे देने पड़ रहे हैं। एक बार सरकार एचआरटीसी की बसों में अनुदानित यात्रा पर रोक लगा देती है। फिर कहती है कि पुलिस कर्मियों को आधिकारिक यात्रा पर यात्रा खर्च वापस देने की बात की।
उन्हाेंने कहा कि चौतरफ़ा विरोध के बाद सरकार ने फिर पलटी मारी और उनके अंशदान को पांच गुना बढ़ाने की शर्त पर उन्हें एचआरटीसी की बसों में यात्रा की अनुमति दी। हर पुलिस कर्मी हर साल अपने वेतन से छः हज़ार रुपये बस में यात्रा करने के अंशदान के नाम पर कटवाएगा, चाहे वह यात्रा करे या न करे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि राजकीय कार्य के लिए काम के लिए पुलिस कर्मी अपनी जेब से पैसे क्यों खर्च करें? सरकार ने जब कहा था कि आधिकारिक कार्य के लिए पुलिसकर्मियों को यात्रा खर्च का भुगतान करेगी। तो सरकार पुलिसकर्मियों के के वेतन से काटे जा रहे एचआरटीसी के अंशदान का सीधे भुगतान करे। जिससे यह प्रक्रिया भी जटिल नहीं होगी और लोगों को राहत मिल जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अपनाया गया यह रवैया पूरी तरह से ग़लत है। सरकार सिर्फ़ जनता पर महंगाई का बोझ डाल रही है, किसी भी वेलफ़ेयर स्टेट का यह काम नहीं हैं, अतः सरकार अपने इस रवैये से पूरी तरह बाज आए।