अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं जेएनयू के छात्र

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों की भूख हड़ताल 17 दिन से जारी है। छात्र संघ अध्यक्ष की तबीयत बिगड़ चुकी है। उन्हें कई तरह की परेशानियां हो रही हैं। हड़ताल पर बैठे कुछ छात्र नेता पहले ही बीमार होकर अस्पताल में पहुंच चुके हैं।

छात्र नेताओं की जेएनयू प्रशासन से बातचीत सफल नहीं रही है। छात्र कक्षा बहिष्कार और शिक्षा मंत्रालय तक मार्च का आयोजन भी कर चुके हैं।

छात्रवृत्ति राशि बढ़ाने सहित छात्रों की विभिन्न मांगों के प्रति विश्वविद्यालय के कथित गैर-जिम्मेदार रवैये के खिलाफ 11 अगस्त को साबरमती टी प्वाइंट के पास जेएनयूएसयू की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू हुई।

क्या हैं छात्रों की मांगे
उनकी मांगों में जाति जनगणना, परिसर में विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध हटाना और परिसर में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए छात्रों के खिलाफ शुरू की गई प्रॉक्टोरियल जांच को वापस लेना भी शामिल है।

पहले भी बीमार हुए छात्र
उल्लेखनीय है कि इससे पहले, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में चल रही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में भाग लेने वाले दो छात्रों को बीमार पड़ने के बाद पिछले सोमवार को एम्स में भर्ती कराया गया, लेकिन उन्होंने अपना विरोध जारी रखने के लिए इलाज से इनकार कर दिया था। जेएनयू के स्वास्थ्य केंद्र ने भूख हड़ताल के कारण छात्रों की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली रेफर किया था।

कुलपति ने छात्रों से की थी मुलाकात
बुधवार को कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने प्रदर्शनकारी छात्रों से मुलाकात की और उनसे भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया। हालांकि, छात्रों ने हड़ताल जारी रखी और 23 अगस्त को शिक्षा मंत्रालय तक मार्च निकालने का आह्वान किया है।

Related Articles

Back to top button