नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर की वापसी को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच नासा ने स्पष्ट कर दिया है कि दोनों अंतरिक्षयात्रियों को स्पेसएक्स के क्रू-9 ड्रैगन कैप्सूल से वापस पृथ्वी पर लाया जाएगा। गौरतलब है कि सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर शुरुआथत में आठ दिनों के लिए एक मिशन पर बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा पर गए थे।
हालांकि, वहां पहुंचकर बोइंग के स्पेसक्राफ्ट में कुछ तकनीकी खामियां मिली, जिसके बाद उनकी पृथ्वी पर वापसी टल गई और फिलहाल वह 78 दिनों से भी अधिक समय से स्पेस स्टेशन में हैं। अब नासा ने स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन का उपयोग कर अगले साल फरवरी में उनकी वापसी निर्धारित की है। यह क्रू ड्रैगन अगले महीने लॉन्च होने वाला है।
क्या ISRO कर सकता था ये मिशन?
नासा ने विलियम्स और बैरी की वापसी के लिए एलन मस्क के स्पेसएक्स को चुना। क्या भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो भी उनकी वापसी का मिशन पूरा कर सकती थी। इसे लेकर हाल ही में एक पॉडकास्ट में इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ से सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल इसरो के पास इस तरह के मिशन को अंजाम देने की क्षमता नहीं है।
एस सोमनाथ ने कहा कि अभी हम कुछ नहीं कर सकते। हमारे पास कोई अंतरिक्ष यान नहीं है, जो वहां जाकर उन्हें बचा सके। यह संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि इस तरह के बचाव अभियान चलाने के लिए सक्षम अंतरिक्ष यान केवल अमेरिका और रूस के पास हैं।
‘स्टारलाइनर में लॉन्चिंग के वक्त भी थी खामियां’
एस सोमनाथ ने बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट को लेकर कहा कि इसमें कुछ खामियां दिखीं। इसलिए नासा जोखिम नहीं लेना चाहता था, क्योंकि जाने की तुलना में वापसी अधिक खतरनाक है और स्टारलाइनर ने लॉन्च से पहले भी कुछ दिक्कतों का सामना किया था, जिस वजह से मिशन को कई बार स्थगित करना पड़ा था।