इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए अधिकांश लोग व्रत भी करते हैं।
जन्माष्टमी व्रत का महत्व अनेक ग्रंथों में भी बताया गया है। हिंदू धर्म के अनुसार, किसी भी व्रत का पूरा फल तभी मिलता है, जब विधि पूर्वक उसका पारणा किया जाए। इसलिए जन्माष्टमी व्रत का पारणा भी जरूर करना चाहिए। आगे जानिए कब और कैसे करें जन्माष्टमी व्रत का पारणा और किन बातों का रखें ध्यान…
कब करें जन्माष्टमी 2024 व्रत का पारणा?
जन्माष्टमी व्रत रोहिणी नक्षत्र युक्त अष्टमी तिथि पर किया जाता है। इसलिए इस बार जन्माष्टमी व्रत 26 अगस्त, सोमवार को किया जाएगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, जन्माष्टमी व्रत का पारणा रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने पर ही करना चाहिए। रोहिणी नक्षत्र अगले दिन यानी 27 अगस्त, मंगलवार की दोपहर 03 बजकर 38 मिनिट तक रहेगा। इसके बाद ही जन्माष्टमी व्रत का पारणा करें।
जन्माष्टमी 2024 प्रचलित पारणा समय
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, वर्तमान में जन्माष्टमी पूजा के तुरंत बाद ही पारणा भी कर लिया जाता है यानी भोजन करने का नियम है। जो लोग इस नियम के मानते हैं। 26 अगस्त, सोमवार की रात पूजन का समय 12 बजकर 01 मिनिट से शुरू होगा, जो 12 बजकर 45 मिनिट तक रहेगा। इसके बाद भी लोग पारणा कर सकते हैं।
पारणा करते समय इन बातों का रखें ध्यान
पारणा करने से पहले यानी स्वयं भोजन करने से पहले किसी ब्राह्मण को भोजन के लिए घर बुलाएं।
ऐसा न कर पाएं तो उसे भोजन सामग्री का दान करें। ये भी संभव न हो तो गरीबों को खाना खिलाएं।
पारणा से पहले भगवान से व्रत का पूरा फल देने की प्रार्थना करें और प्रसाद खाकर व्रत पूर्ण करें।
इसके बाद अपनी इच्छा अनुसार सात्विक भोजन करें यानी बिना लहसुन-प्याज का खाना खाएं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, व्रत का पारणा अगले दिन ही करना चाहिए। रात में पारणा करने से बचें।
बहुत जरूरी हो तो रात में पारणा कर सकते हैं। पारणा के दौरान मन ही मन भगवान का चिंतन करें।