जवाहरपुर चीनी मिल के गन्दे पानी को याद कर थम जाती है क्षेत्र के निवासियों की सांसे

आखिर प्रदूषण बोर्ड क्यो बैठा है खामोश

सीतापुर। डालमिया चीनी मिली जवाहरपुर की गन्दगी को देखकर हर व्यक्ति परेशान है। मिल परसिर तो हमेशा ही गन्दगी और बदबू का घर रहा है इसके अलावा जब भी जवाहर पुर चीनी मिल के पास से कोई व्यक्ति गुजरता है तो वह परेशान होता है और मजबूत होकर उसको अपनी नाक बंद करनी पड़ती है। यह हाल गन्ने पिराई के समय नही बल्कि हर समय रहता है जब गन्ने की पिराई का कार्य मिल में शुरू होता है तो पूरे क्षेत्र में जानलेवा बीमारियों का दौर शुरू हो जाता है और बेजुबान जानवर जब इस गन्दे बदबूदार पानी के चपेट में आते है तो वह तवचा रोग से लेकर अन्य गम्भीर बीमारियों को शिकार हो जाते है और उनकी मौत भी हो जाती है। इसके बाद भी प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड इस ओर कोई ध्यान ही नही दे रहे है। प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड की लापरवाही ही बताई जा रही है कि डालमिया चीनी मिल जवाहरपुर की तरफ उसका ध्यान ही नही जा रहा है जो चर्चा का विषय बना हुआ है।

आलम यह है कि चीनी मिल द्वारा मिल के गन्द्र दूषित बदबूदार पानी को यूं ही नाले में बहा दिया जताा है और इस मिल का गन्दा पानी कही न कहीं से गोमती नदी में जाकर गिरता है इस तरह की बाते कहीं जा रही है। अगर समय रहते अधिकारियों ने चीनी मिल के इस गन्दे बदबूदार पानी की ओर ध्यान नही दिया तो स्थित बद से बदतर हो सकती है। इस सम्बन्ध में जब प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड के अधिकारियों का पक्ष और इस गन्दे बदबूदार पानी जो क्षेत्र के लोगों की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है को लेकर हकीकत जानने की कोशिश की गई तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने फोन नही उठाया इस कारण उनका पक्ष नही जाना जा सकता है। जो चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कोई ठोस कार्यवाही न किये जाने की वजह से अब बोर्ड पर दबाव में आकर कार्य किये जाने का आरोप लगाया जाने लगा है।

आखिर अधिकारी क्यो नही उठाते है सीयूजी नम्बर

उक्त के सम्बंध में क्षेत्रीय अधिकारी लखनऊ के संपर्क नम्बर 0522-4249771व 7839891696 तथा लखनऊ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सम्पर्क नम्बर 0522-2720831,05222720691पर सम्पर्क कर जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो बजती रही घण्टिया नही रिसिब हुए नम्बर,। इस समय सबसे बड़ी लापरवाही जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा बरती जा रही हैं। अधिकांश अधिकारी सरकारी सीयूजी नम्बर ही नही उठाते है और न ही छूटी हुई काल को वापस ही करते हैं। शायद यही बड़ा कारण है कि गुनाह करने वाले लोग आराम फरमा रहे है क्योकि उनको भी पता है कि अधिकारी तो किसी का फोन ही नही उठाते है तो कार्यवाही कैसे होगी।

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