उन्नाव। जिले में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। जहां बसपा और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर आंदोलन किया। इन आंदोलनों का मुख्य उद्देश्य भारतीय संविधान के तहत अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के आरक्षण को लेकर असंतोष और विरोध प्रकट करना था।
आंदोलनकारियों का कहना था कि आरक्षण में आर्थिक आधार पर कोई बदलाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। एससी व एसटी को विभाजित करने की कोशिशों का भी विरोध किया गया।
बुधवार को देश भर में भारत बंद का आह्वान था। जिसका असर उन्नाव में मिलाजुला दिखाई दिया। बसपा प्रत्याशी अशोक पांडे और भीम आर्मी के प्रदेश सचिव आकिब अली अंसारी कार्यकर्ताओं के साथ डीएम कार्यालय के बाहर एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हाथ में तख्तियों और बैनरों में एससी व एसटी को बांटना बंद करो’ जैसे संदेश लिखे थे।
उन्होंने यह आरोप लगाया कि सरकार एससी व एसटी वर्ग के आरक्षण को आर्थिक आधार पर संशोधित करने की कोशिश कर रही है, जो उनके सामाजिक और आर्थिक अधिकारों का उल्लंघन है। कार्यकर्ताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट राजीव राज को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि एससी व एसटी वर्ग के आरक्षण को आर्थिक आधार पर बदलने की कोशिशें संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऐसा करने से इस वर्ग के लोगों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान की दिशा में बड़ी अड़चन उत्पन्न होगी।
सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपने के बाद कार्यकर्ता डीएम कार्यालय की ओर बढ़े और वहाँ भी एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने राज्यपाल को संबोधित करते हुए कहा कि एससी व एसटी वर्ग के अधिकारों की रक्षा की जाए और उन्हें आर्थिक आधार पर आरक्षण के संशोधन का विरोध किया जाए। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।