नई दिल्ली। एक तरफ देशभर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जनाअक्रोश देखने को मिल रहा है। दूसरी तरफ अब सिनेमा जगत में अभिनेत्रियों की सुरक्षा को लेकर कई बड़े-बड़े खुलासे हुए हैं। हाल ही में केरल सरकार की तरफ से जारी की गई हेमा कमेटी रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के काले सच की जानकारी को पेश किया गया है, जिसमें एक्स्ट्रेसेज के साथ यौन उत्पीड़न और कास्टिंग काउच जैसे सनसनीखेज आरोपों ने सनसनी मचा दी है। 232 पन्नों की इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्मी जगत को शर्मसार कर दिया है। आइए इस मामले को विस्तार से जानते हैं।
महिलाओं की स्थिति दहनीय
मलयालम सिनेमा जगत की दिग्गज एक्ट्रेस रंजिनी इंडिस्ट्री में अभिनेत्रियों की दहनीय स्थिति को लेकर पिछले 5 साल से लड़ाई लड़ रही हैं। उनके नेतृत्व में पेश की गई जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट में बताया गया है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की एक्ट्रेसेज के साथ यौन उत्पीड़न, कास्टिंग काउच और शोषण जैसे सिंड्रोम का खुलासा किया गया है। जिसकी वजह से उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होते हैं।
एक तबका कर रहा है कंट्रोल
इस रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को कुछ निर्देशक, अभिनेताओं और निर्माताओं का एक तबका फुल ऑन कंट्रोल चालता है। जिसके आधार पर ये लोग खुद तय करते हैं कि मूवी में किस हीरोइन को लिया जाए और किसे नहीं। इतना ही नहीं अभिनेत्रियों के साथ-साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार जैसे संगीन कामों को अंजाम देते हैं।
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री नर्क
हेमा कमेटी रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि बेशक मलयालम फिल्म इंडस्ट्री सिल्वर स्क्रीन पर ग्लैमर्स से भरपूर दिखती है। लेकिन सच्चाई की पिच पर ये एक नर्क से कम नहीं हैं। जो एक्ट्रेसेज सेक्सुएल फेवर के लिए इनकार कर देती हैं, उन्हें तुरंत ही फिल्मों से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। उन्हें ऐसे धमकाया जाता है कि जिसके चलते वह पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से भी डरती हैं।
हालांकि, हेमा कमेटी रिपोर्ट के सामने आने के बाद अब मलयालम सिनेमा जगत को लेकर क्या एक्शन लिया जाता है, ये देखना काफी दिलचस्प रहेगा।