बाराबंकी। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गणेशपुर, बाराबंकी में क्रियात्मक शोध पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उदघाटन डायट प्राचार्या डॉ अमिता सिंह द्वारा किया गया। अपने उद्बबोधन में उन्होंनें कहा कि क्रियात्मक शोध शिक्षण की दशा एवं दिशा को सुधारने का एक महत्वपूर्ण साधन है, जिसमें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्रियात्मक शोध के माध्यम से शिक्षक अपने शिक्षण की गुणवत्ता के उन्नयन हेतु मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं।
इस प्रकार, डायट शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और सुधार हेतु एक सशक्त मंच के रूप में कार्य करता है।प्रथम दिवस में संदर्भदाता डॉ वसीम ज़हरा असिस्टेंट प्रोफ़ेसर बी.एड. विभाग महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज, लखनऊ, डॉ. गुंजन रौतेला प्रवक्ता (शोध )राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद,डॉ रीना श्रीवास्तव,सहायक प्रोफेसर नेशनल पीजी कॉलेज द्वारा क्रियात्मक शोध के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डालते हुए सारगर्वित रूप से प्रशिक्षण दिया गया।नोडल प्रवक्ता डॉ गीतांजलि सिंह यादव ने बताया कि जनपद के सभी ब्लॉकों से शिक्षकों को चयनित कर प्रशिक्षण में सम्मिलित किया गया। सभी प्रतिभागियों ने कार्यशाला में अपने विद्यालय की समस्या को चयनित कर कर कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत किया।कार्य शाला में प्रवक्ता लालचंद, महेंद्र यादव,शिखा शाहू, अभिसारिका वर्मा,जीतेन्द्र कुमार सोनकर एवं समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।