- हादसे की वजह बनने वाले भारी वाहनों के 107 चालकाें के लाइसेंस निलम्बित
हमीरपुर। जिले में कानपुर-सागर नेशनल हाइवे में लगातार हो रहे एक्सीडेंट पर ब्रेक लगाने के लिए अब एआरटीओ ने एक्शन प्लान बनाया है। एक्सीडेंट करने वाले हैवी वाहनों के चालकाें पर शिकंजा कसने के लिए आरटीओ विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। अभी तक 107 चालकाें के लाइसेंस निलम्बित कर उनके खिलाफ नोटिस जारी की गई हैं। एआरटीओ का मानना है कि यह कार्रवाई हाइवे में एक्सीडेंट पर अंकुश लगाने में मील का पत्थर साबित होगी।
कानपुर-सागर नेशनल हाइवे फोरलेन में तब्दील न होने के कारण लगातार एक्सीडेंट हो रहे हैं। ऐसा कोई ही दिन नहीं होगा जब हमीरपुर जिले में सदर कोतवाली क्षेत्र से लेकर मौदहा कोतवाली क्षेत्र तक कोई न कोई वाहन हादसे का शिकार ना बनता हाे। हर साल इस हाइवे में सैकड़ों लोगों की जाने जाती हैं। वहीं इससे अधिक लोग घायल भी होते हैं। पिछले एक दशक में कानपुर से लेकर महोबा तक सड़क हादसे में हजारों लोग अब तक जान गवां चुके हैं। इन दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में लोग अपंग भी हुए हैं। सर्वाधिक हादसे हमीरपुर जिले के सुमेरपुर और मौदहा कोतवाली क्षेत्र में होते हैं। हादसों का ग्राफ नीचे लाने के लिए एआरटीओ और पुलिस ने कई बार पूर्व में अभियान चलाए, बावजूद एक्सीडेंट का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है।
कानपुर-सागर नेशनल हाइवे में सड़क हादसे के बढ़ते मामलों को लेकर पूर्व सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने लोकसभा में मुद्दा उठाया था। उन्होंने संसद में कानपुर-सागर नेशनल हाइवे को फोरलेन बनाने की मांग की थी। लोकसभा में उन्होंने कहा था कि इस हाइवे में हादसों के कारण हजारों परिवार बर्बाद हो गए हैं। इतना ही नहीं, यहां के समाजसेवी और हिन्दु संगठनों ने भी इस हाइवे को खूनी हाइवे का नाम देकर कई दिनों तक विरोध किया था लेकिन आज तक इस हाइवे को फोरलेन में तब्दील नहीं किया जा सका।
हमीरपुर के एआरटीओ अमिताभ राय ने बताया कि कानपुर-सागर नेशनल हाइवे में हादसे की वजह बनने वाले वाहनों को चिन्हित करने का अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में हैवी वाहनों की चालकों के लाइसेंस भी रद्द होंगे।
भारी वाहनों के 107 ड्राइबरों को नोटिसें जारी कर डिपार्टमेंट ने मांगा जवाब
नेशनल हाइवे में एक्सीडेंट के मामले पर ब्रेक लगाने के लिए अब एआरटीओ ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। एआरटीओ अमिताभ राय ने बताया कि एक्सीडेंट की वजह बनने वाले 107 हैवी वाहनों के चालकों के लाइसेंस अभी तक निलम्बित कर दिए गए हैं। नोटिस का जवाब संतोषजनक न आने पर लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। उन्हाेंने बताया कि इस कार्रवाई में 76 भारी वाहनों के चालक हमीरपुर के हैं। वहीं कानपुर नगर, सीतापुर, महोबा, बांदा व कानपुर देहात के अन्य चालक शामिल हैं।
दो सौ बारह दिनों में नेशनल हाइवे में 126 लोगों की हो चुकी मौत
कानपुर-सागर नेशनल हाइवे में हर साल सैकड़ों लोगों की मौत होने के बावजूद सरकार ने अभी तक हाइवे को फोरलेन बनाने की कवायद नहीं की है। इस साल के दो सौ बारह दिनों में दौ सौ से अधिक हादसे हुए हैं, जिनमें एक सौ छब्बीस लोगों की जाने गई हैं। वहीं पांच दर्जन लोग घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा हादसे इस साल के अप्रैल माह में हुए, जिनमें 29 लोगों की मौत हुई। बीते जुलाई माह में ही 12 लोगों की हादसे में मौत हुई हैं। जबकि तमाम लोग सड़क हादसे में घायल हुए हैं।