नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज निवास में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर दिल्ली पुलिस की एक टुकड़ी ने राष्ट्रीय सलामी दी। देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एलजी ने स्वतंत्रता की राह में आई कठिनाइयों को याद किया। उन्होंने भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए इस बात पर विश्वास जताया कि भारत में वैश्विक नेतृत्व करने की क्षमता है।
एलजी ने कहा कि हमने अपनी आजादी के लिए भारी कीमत चुकाई है। स्वतंत्र भारत की कहानी लाखों देशभक्तों ने अपने खून से लिखी है। हालांकि ऐसे कुछ ही स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हम अच्छी तरह से जानते हैं, लेकिन लाखों नाम ऐसे भी हैं, जिन्हें हमने कभी नहीं सुना। एलजी ने आगे कहा, आज स्वतंत्रता आंदोलन के उन गुमनाम नायकों को याद कर सम्मान देने का दिन है। हाल के वर्षों के दौरान रक्षा, अंतरिक्ष, फार्मा और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत की तीव्र प्रगति पर को लेकर कहा कि हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन और विश्व विरासत सम्मेलन की सफल मेजबानी ने वैश्विक मंच पर देश के बढ़ते कद को बढ़ाया है। एलजी ने युवा सशक्तीकरण, रोजगार सृजन और पर्यावरणीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने पर भी जोर दिया।
दिल्ली के विरासत स्थलों को पुनर्जीवित करने, यमुना के बाढ़ के मैदानों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों और बड़े पैमाने पर पुनर्वनीकरण अभियान को, एलजी ने सतत विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के उदाहरण के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में यमुना के घाट और उसके बाढ़ के मैदानों को असिता, बांसेरा और वासुदेव घाट के रूप में पर्यावरण अनुकूल सार्वजनिक हरित स्थानों को विकसित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इससे दिल्लीवासी यमुना के करीब आए हैं और इसके हितधारक बने हैं। इसके अलावा, महरौली पुरातत्व पार्क, सेंट जेम्स चर्च, संजय वन, शालीमार बाग, राजों की बावली और अनंग ताल बावली जैसे कई ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण और जीर्णोद्धार का कार्य या तो पूरा हो चुका है। एलजी ने कहा कि दिल्ली के साथ बहने वाली यमुना नदी हम सबकी है। यहां की आबोहवा हम पर समान रूप से प्रभाव डालती है। हालांकि, इसे साफ रखने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से सरकार की होती है, लेकिन यह हमारा कर्तव्य है कि इसमें हम सरकार का साथ दें।
आगे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में देश के प्रत्येक नागरिक के सार्थक योगदान के महत्व को भी रेखांकित किया। नागरिकों से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान करते हुए, उन्होंने शासन में जवाबदेही और पारदर्शिता के महत्व पर जोर दिया।