मुरादाबाद। महानगर के सदर कोतवाली क्षेत्र के मंडी चौक पान दरीबा पर तिरंगा फहराने की जिद पर अड़े मुरादाबाद के स्वतंत्रता दीवानाें पर 10 अगस्त 1942 को अंग्रेजों ने गोली चलाकर उनका नरसंहार किया था। 1942 को स्वतंत्रता के दीवाने हंसते-हंसते शहीद हुए थे। उन बलिदानियों के स्वतंत्रता सेनानी वंशजों द्वारा आज भी प्रत्येक वर्ष पुण्यतिथि, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस आदि पर श्रद्धांजलि देकर उन्हें नमन किया जाता है।
अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तराधिकारी संगठन मुरादाबाद के महामंत्री धवल दीक्षित ने बताया कि 10 अगस्त 1942 को मंडी चौक स्थित पान दरीबा पर तिरंगा फहराने की कोशिश करने वाले निहत्थे स्वतंत्रता आंदोलनकारियों को अंग्रेजों ने तीन तरफ से घेरकर उन पर जमकर गोलियां बरसाईं थी। जिसमें एक 11 वर्षीय बालक जगदीश प्रसाद शर्मा भी थे, जो वहां लगे खंबे पर झंडा फहराने के लिए चढ़ा थे, सबसे पहले अंग्रेजों ने उनको गोली मारी थी। उस समय युवा प्रेम प्रकाश, झाऊ लाल जाटव, मुमताज और अनेकों अनेक बलिदानियों ने स्वतंत्रता के लिये वहां पर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
धवल दीक्षित ने आगे बताया कि इसीलिए इस स्थान को शहीद स्मारक के नाम से जाना जाता है, प्रत्येक वर्ष 10 अगस्त को यहां पर अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तराधिकारी संगठन के पदाधिकारियों द्वारा बलिदान हुए स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देकर वंदन व नमन किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज इन्हीं सब क्रांतिकारियों के कारण हम इस राष्ट्र में 76 वां स्वतंत्रता दिवस मना पा रहे है। स्वच्छ वातावरण में, स्वतंत्रता से श्वास ले पा रहे हैं। हमें आज उनके सपनों के भारत का निर्माण में करके, भारत को विश्व गुरु बनाना है।