सूरतगंज बाराबंकी। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश संगठन मंत्री कुं. उदेन्दु प्रताप आशू चौधरी ने शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए राइट टू एजुकेशन शिक्षा का अधिकारके अधिनियम तहत 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को मिलने वाली निजी विद्यालयों में फ्री शिक्षा में हो रही कालाबाजारी और निजी विद्यालयों द्वारा प्रतिवर्ष फीस बढ़ोतरी एवं पुस्तको के करने व निर्धारित दुकानो से ही स्टेशनरी कापी किताब खरीदना साफ-साफ दर्शाता है कि शिक्षा को मात्र व्यवसाय तक सीमित कर दिया गया है। जो गरीब जनमानस के लिए बहुत ही परेशानी का विषय है। शिक्षा विभाग में सुधार करना नितांत आवश्यक है। सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा जैस सभी निजी विद्यालयों को कड़ाई के साथ निर्देशित करते हुए निर्धारित फीस 5 साल में सिलेबस चेंज करना अभिभावक स्वतंत्रता पूर्वक स्टेशनरी कहीं से भी खरीद सके सबसे बड़ा मुद्दा राइट टू एजुकेशन जिसके लिए मौजूदा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले वर्ष 288 करोड रुपए गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए दिए किंतु आज भी गरीब को शिक्षा फ्री नहीं मिल रही निजी विद्यालय आज भी मनमानी कर रहे हैं। प्रदेश भर में आज भी कई हजार विद्यालय फर्जी तरीके से बिना रजिस्ट्रेशन संचालित किए जा रहे हैं। कई विद्यालय राइट टू एजुकेशन से बचने के लिए अपने आप को छुपा कर चला रहे हैं यह सब कैसे संभव है यह सभी जानते हैं शिक्षा और स्वास्थ्य प्रत्येक व्यक्ति के जीवन से जुड़ा हुआ मुद्दा है। जो कि हर घर का मुद्दा है,
किसान नेता आशु चौधरी ने कहा है कि शिक्षा विभाग में बैठे बिचौलिए जो गरीब बच्चों के हक पर डकैती डाल रहे हैं उन्हें बेनकाब करने का काम किया जाएगा निजी विद्यालयों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी। बहुत जल्द शिक्षा के मुद्दे पर जागरूकता अभियान रैली निकालकर प्रदेश पर में शिक्षा को सेवा भाव के साथ संचालित करने की मांग की जाएगी।