आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार रूम में मिली ट्रैनी डॉक्टर की लाश

कोलकाता। कोलकाता में रहस्यमय परिस्थितियों में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर मृत पाई गई है। वह अस्पताल में स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा थी और चेस्ट मेडिसिन विभाग में हाउस स्टाफ के रूप में भी काम कर रही थी। डॉक्टर का क्षत-विक्षत शव शुक्रवार सुबह करीब 7.30 बजे अस्पताल के आपातकालीन भवन की तीसरी मंजिल पर एक सेमिनार हॉल के अंदर मिला।

इस खबर के बाद कॉलेज परिसर में जमकर हंगामा हुआ जिसके बाद प्रशासन को शहर के पुलिस प्रमुख और स्वास्थ्य सचिव को घटनास्थल पर भेजना पड़ा।

चेहरे पर खून के धब्बे और कॉलर बोन टूटी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि न्यायिक जांच में गुप्तांगों सहित पूरे शरीर पर चोटें पाई गई हैं, चेहरे पर खून के धब्बे और कॉलर बोन टूटी हुई है, जो दर्शाता है कि उसका गला घोंटा गया था। पुलिस ने हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है और एफआईआर में यौन उत्पीड़न के आरोप जोड़ने के लिए तीन सदस्यीय शव परीक्षण दल की औपचारिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने कहा कि उन्हें उस गद्दे पर खून के धब्बे और मानव बाल मिले हैं जिस पर वह लेटी हुई थी और शव के बगल में एक टूटा हुआ चश्मा मिला है।

CM ममता बनर्जी ने डॉक्टर के पिता को किया फोन
सीएम ममता बनर्जी ने डॉक्टर के पिता को फोन किया। पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी का दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गई है। सीएम ममता ने उन्हें न्याय सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। पिता ने कहा, ‘उन्होंने हमें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। लेकिन हमने अपनी बेटी खो दी है। जब तक हमें न्याय नहीं मिलता, हम कभी संतुष्ट नहीं हो सकते। मुझे संदेह है कि मेरी बेटी का दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, लेकिन अधिकारियों ने शुरू में तथ्यों को छिपाने की कोशिश की।’

‘वह हमारी इकलौती संतान थी
वहीं, महिला की मां ने कहा, ‘उन्होंने मेरी बेटी को मार डाला। उसका शव अर्धनग्न अवस्था में था। उसका चश्मा टूटा हुआ था और उसके चेहरे पर चोट के निशान थे। वह हमारी इकलौती संतान थी।’ मां ने यह भी बताया कि उन्हें बताया गया कि सेमिनार हॉल के अंदर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था, जहां शव मिला था।

PGT इंटर्न और हाउस स्टाफ हड़ताल पर
बता दें कि शव मिलने के तुरंत बाद अस्पताल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया और साथी पीजीटी, इंटर्न और हाउस स्टाफ अचानक हड़ताल पर चले गए। उन्होंने पुलिस को शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से मना कर दिया, जब तक कि पोस्टमार्टम और जांच के लिए तय की गई शर्तें पूरी नहीं हो जातीं। विभिन्न चिकित्सा संगठनों और राजनीतिक दलों ने भी अस्पताल में धावा बोल दिया और बाद में विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए।

जांच के लिए 11 सदस्यीय आंतरिक समिति गठित
अस्पताल के अधिकारियों ने घटना की जांच के लिए 11 सदस्यीय आंतरिक समिति गठित की। पोस्टमॉर्टम की निगरानी तीन सदस्यीय समिति ने की और इसकी वीडियोग्राफी भी की गई। अस्पताल के एमएसवीपी संजय बशिष्ठ ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच होगी। उन्होंने कहा, ‘निष्पक्ष जांच होगी। हम भी चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए।’

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