झांसी। झांसी की विजिलेंस इकाई ने साल 2004 से 2010 तक चित्रकूट में जिलाधिकारी रहे ओम सिंह देशवाल पर आय से अधिक संपत्ति मामले में FIR दर्ज कराई है. पूर्व जिलाधिकारी देशवाल के साथ ही पूर्व चित्रकूट के पूर्व CDO भूपेंद्र त्रिपाठी सहित 5 अफसर और 4 कर्मचारियों के पास आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया गया है. फिलहाल ये सभी अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं. सभी की तैनाती चित्रकूट में ही थी. विजिलेंस के अधिकारियों के मुताबिक आरोपी अफसरों की जल्द गिरफ्तारी की जा सकती है.हालाकि पहले ही इन अधिकारियों के 18 लाख का गबन और सरकारी धन के दुरुपयोग में FIR दर्ज है.
इन पूर्व अफसरों और कर्मियों पर दर्ज हुआ मुकदमा
तत्कालीन डीएम ओम सिंह देशवाल निवासी नई दिल्ली
परियोजना निदेशक प्रेमचंद्र द्विवेदी निवासी प्रयागराज
सीडीओ भूपेंद्र त्रिपाठी निवासी प्रतापगढ़
डीआरडीए के प्रदीप कुमार माथुर निवासी चित्रकूट
मुन्नालाल तिवारी निवासी बांदा
रामस्वरूप श्रीवास्तव निवासी चित्रकूट
देवनारायण तिवारी निवासी बाराबंकी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है.
आरईएस के सहायक अभियंता बुद्धिराम चौधरी निवासी सिद्धार्थनगर
परियोजना निदेशक सोनपाल निवासी झांसी
संपत्ति की जांच
विजिलेंस टीम ने इनकी संपत्ति खंगालनी शुरू कर दी है. विजिलेंस के अधिकारियों के मुताबिक आरोपी अफसरों की जल्द गिरफ्तारी की जा सकती है. सरकार से इजाजत मिलने के बाद झांसी की विजिलेंस इकाई ने मई 2022 से जांच शुरू की. इसकी जांच करीब 2 साल तक चली. इस जांच में 27 अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की गई. बहुत सी फाइलें खंगाली गई. प्रॉप्रटी और खातों की डिटेल की जांच भी की गई.इसके बाद विजिलेंस टीम को आय से अधिक संपत्ति के ठोस सुबूत मिलने के बाद विजिलेंस ने भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम समेत आईपीसी की धारा 420, 120-बी समेत अन्य धाराओं में पूर्व जिलाधिकारी समेत 9 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.