श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस पावन तिथि पर नाग देवता की पूजा की जाती है। इसी त्योहार पर उत्तर प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में गुड़िया का पर्व भी मनाया जाता है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता के पूजन के साथ शाम के समय कई स्थानों पर गुड़िया की डंडे से पिटाई की जाती है। क्या आप जानते हैं कि बहनों के द्वारा बनाई गई गुड़िया को आखिर भाई डंडे से क्यों पीटते हैं? गुड़िया पीटने की परंपरा के पीछे आखिर क्या वजह है? आइए जानते हैं गुड़िया पर्व से जुड़ी कथा और इस परंपरा के बारे में विस्तार से।
नाग पंचमी के पर्व को उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर गुड़िया भी कहते हैं। इस त्योहार को मनाने के लिए बहनें गुड़िया बनाती हैं। आमतौर पर लड़कियां पुराने कपड़े से बनी गुड़िया को तैयार करके उसे चौराहे या तालाब के पास रखती हैं। इसके बाद वहां भाई एकत्रित होकर दूसरे बच्चे के साथ डंडे से पीटते हैं।
नाग पंचमी के दिन गुड़िया पीटने की जो परंपरा है उससे जुड़ी एक कथा मिलती है। आइए जानते हैं उस कथा के बारे में। प्राचीन काल में एक महादेव नाम का लड़का नाग देवता का अनन्य भक्त था। महादेव प्रतिदिन किसी शिवालय में जाकर भगवान शिव के साथ नाग देवता की विशेष रूप से पूजा किया करता था। मान्यता है कि उसकी इस श्रद्धा और भक्ति से प्रसन्न होकर नाग देवता उसे प्रतिदिन दर्शन दिया करते थे। मान्यता है कि कई बार मंदिर में पूजा के दौरान नाग उस शिवभक्त के पैरों पर लिपट जाया करते थे, लेकिन उसे कभी कुछ भी नुकसान नहीं पहुंचाते थे।
बहन ने मारा नाग को
कथा के अनुसार एक दिन जब महादेव शिवालय में नाग देवता की पूजा में ध्यान मग्न था तब हमेशा की तरह एक नाग उसके पैरों में आकर लिपट गया। उसी समय उसकी बहन वहां पर पहुंच गई। नाग को अपने भाई के पैरों में लिपटा देखकर वह डर गई। जब उसे इस बात का भय हुआ कि वह नाग उसके भाई को काट सकता है तो उसने एक डंडा उठाकर उस नाग को पीट-पीट कर मार डाला। इसके बाद जब महादेव का ध्यान टूटा तो उसने अपने सामने नाग को मरा पाया।
नाग पंचमी पर इसलिए पीटते हैं गुड़िया
जब भाई ध्यान से उठा तब उसने मरा हुआ नाग देखा। बहन के द्वारा नाग के मारे जाने से भाई को बहुत गुस्सा आया। जब उसने इसका कारण अपनी बहन से पूछा तो बहन से सच्चाई बता दी। इस पर महादेव ने अपने बहन से कहा कि तुमने अनजाने में नाग देवता को मारा है लेकिन इसका दंड तुम्हें जरूर मिलेगा। दरअसल बहन ने अनजाने में नाग को मारा था इसलिए उस दिन प्रतीकात्मक सजा के तौर पर कपड़े से बनी गुड़िया को पीटा गया। तब से लेकर नाग पंचमी के दिन गुड़िया को पीटने की परंपरा चली आ रही है।