रुद्रपुर। तराई में 18 घंटे हुई बारिश से रुद्रपुर जलमग्न हो गया। आसमान से आफत की बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम ने बाढ़ में फंसे 300 लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा ठहरने-खाने की व्यवस्था कराई। बारिश का पानी घरों व दुकानों में घुस गया।
जलभराव से काफी नुकसान हुआ और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कल्याणी नदी उफान रही। मंगलवार रात करीब सवा नौ बजे शुरू हुई हल्की बारिश का सिलसिला बाद में कभी तेज तो कभी रिमझिम के साथ बुधवार सायं करीब सवा तीन बजे तक चला। जगतपुरा, मुखर्जी नगर, ट्रांजिट कैंप, सिडकुल ढाल वाले क्षेत्र, रविंद्र नगर, आजाद नगर, कल्याणी नदी के किनारे रहने वाले लोगों के घरों में बारिश का पानी घुस गया। कल्याणी नदी उफान पर आ गई।
तीन पानी डैम में ऊपर से पानी का बहाव इतना तेज रहा कि आसपास के घरों में पानी घुस गया। स्थिति संभालने के लिए एसडीआरएफ की टीमों ने लोगों को बाहर निकाला। नगर आयुक्त नरेशचंद्र दुर्गापाल सहित एसडीएम मनीष बिष्ट व तहसीलदार दिनेश कुटौला ने मोर्चा संभाला और वार्डों में जाकर पानी की स्थिति देखी। किच्छा बाईपास रोड पर पूर्व विधायक के आवास में पानी घुस गया। यहां गंगापुर रोड से यातायात को प्रशासन ने रोका।
पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने रात में ही ट्रांजिट कैंप, मुखर्जी नगर, जगतपुरा सहित रविंद्र नगर के करीब तीन सौ से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
तहसीलदार दिनेश कुटौला ने बताया कि कल्याणी नदी के आसपास डूब क्षेत्र में आ रहे भवनों में लोगों को पानी का जलस्तर बढ़ने के बाद एसडीआरएफ टीम की सहायता से रेस्क्यू किया गया। इसमें करीब 250 लोगों को प्राथमिक विद्यालय आवास विकास, जूनियर हाईस्कूल आवास विकास, भंडारी सैनिक कान्वेंट स्कूल आवास विकास में रखा गया है।
आजाद नगर व मुखर्जी नगर में 60 लोगों को निजी स्कूल में रेस्क्यू कर रखा गया है। इनके भोजन का प्रबंधन जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार की तरफ से किया जा रहा है।
डीएम उदयराज सिंह ने एसडीआरएफ की टीमों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम मनीष बिष्ट ने बताया कि उन्होंने सुबह टीम के साथ बारिश से प्रभावित वार्डों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है। इसकी रिपोर्ट डीएम को दी है।
तीन पानी डैम में बहाव तेज होने से कई कालोनियों में पानी घुसा
तीन पानी डैम में बारिश के बाद बहाव तेज होने से सुबह तक स्थिति विकराल हो गई। यहां फंसे कई लोगों को एसडीएआरएफ की टीम ने बाहर निकाला। लोगों का कहना था कि ऊपर से ही पानी का बहाव जंगल के रास्ते है जिसके बाद यहां पर भी स्थिति बेकाबू नजर आ रही है। कालोनियों में पानी भरने के बाद लोग घरों में ही कैद होकर रह गए।
किच्छा बाईपास रोड को किया प्रशासन ने किया बंद
किच्छा बाईपास रोड में आगे पूर्व विधायक राजेश शुक्ला के घर के अंदर व बाहर रोड पर पानी भर गया। यातायात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने गंगापुर रोड मोड़ के पास ही बैरिकेडिंग लगा दी।
यहां से वाहनों को वापस किया गया और गंगापुर की तरफ मोड़ा गया। पूर्व विधायक के आवास के साथ ही सड़क के दोनों तरफ आटोमोबाइल शोरुम में भी बारिश के पानी ने पैठ बना दी। जिसके बाद कर्मचारी व प्रबंधन बाहर नजर आया।
नगर निगम की सतर्कता से मुख्य बाजार व चौराहों पर स्थिति संभली
नगर निगम ने बीते दो सप्ताह से शहर के नाले व नालियों की सफाई का अभियान चला रखा है। इसका परिणाम यह हुआ कि शहर में पूर्व में बारिश के दिनों में मुख्य बाजार, रोडवेज, डीडी चौक, इंदिरा चौक सहित अग्रसेन चौक में जलभराव नजर आता था वह इस बार नहीं हुआ। इससे लोगों ने राहत की सांस ली।
सुबह भी बारिश के बाद जलभराव की स्थिति देखने नगर आयुक्त नरेशचंद्र दुर्गापाल प्रशासनिक अमले के साथ मौके पर दिखे। जहां पर भी पानी रुका नजर आया तो सफाई कर्मियों ने तत्काल कूड़ा -कचरा नालियों से हटाया। जलभराव के बीच फंसी जेपीएस स्कूल की बस को भी प्रशासनिक अधिकारियों ने बाहर निकलवाया।
विधायक व एसएसपी ने वार्डों में लिया स्थिति का जायजा
विधायक रुद्रपुर शिव अरोरा व एसएसपी डा. मंजूनाथ टीसी ने जगतपुरा, ट्रांजिट कैंप, मुखर्जी नगर में जाकर बारिश के पानी की स्थिति देखी। विधायक अरोरा ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह जलभराव में घिरे परिवारों के साथ है। हर संभव मदद की जाएगी।
एसएसपी ने फटकार कहा, जो उचित होगा, वह करेंगे
जगतपुरा में एसएसपी से एक व्यक्ति कल्याणी नदी के बीचोंबीच आ रहे भवनों को लेकर प्रशासन के रुख की जानकारी लेने लगा। एसएसपी ने पहले समझाया, लेकिन वह नहीं माना तो फटकार कहा कि जो उचित होगा, वह किया जाएगा।
एनजीटी के नियमों के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी। भाजपा उत्तरी मंडल के महामंत्री राधेश शर्मा ने जगतपुरा, मुखर्जी नगर सहित ट्रांजिट कैंप में रहने वाले परिवारों की स्थिति की जानकारी दी।
बारिश के बाद तीन सौ से अधिक लोगों को एसडीआरएफ व तहसील की टीम ने रेस्क्यू किया है। सभी को आवास विकास व अन्य जगहों पर स्कूलों में ठहराया गया है। खाने का इंतजार जिला पूर्ति कार्यालय की तरफ से एआरओ हेमा बिष्ट कर रही हैं। बच्चों के लिए दूध व ब्रेड का भी इंतजाम किया गया है। दोपहर 12 बजे के बाद पानी के बहाव की स्थिति कल्याणी नदी सहित अन्य वार्डों में नियंत्रित हो गई।
- उमाशंकर नेगी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ऊधम सिंह नगर
पूर्णागिरि मार्ग बंद होने से माता के दर्शनों को गए श्रद्धालु घंटों फंसे रहे
चंपावत। मानसून सक्रिय होने से एक बार फिर वर्षा का दौर शुरू हो गया है। बीते 24 घंटे के दौरान चंपावत जिले के अधिकांश स्थानों पर मध्यम से बहुत भारी वर्षा हुई है। चंपावत में मंगलवार शाम से बुधवार दोपहर तक रुक-रुककर वर्षा होती रही। रात की वर्षा से चंपावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग लगभग तीन घंटे बंद रहा। जिले में पूर्णागिरि मार्ग समेत चार अन्य सड़कें भी बंद हैं।
मैदानी क्षेत्रों में भारी वर्षा होने से जलभराव की स्थिति देखने को मिली। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार सुबह तक बनबसा में 123 मिमी, टनकपुर में 131 मिमी, चंपावत जिला मुख्यालय में 53 मिमी व पाटी में 35 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई।
बनबसा व टनकपुर में बहुत भारी वर्षा होने से नगर की नालियां भर गईं। कई स्थानों पर जलभराव होने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। किरोड़ा नाला उफान पर आ गया।
करीब तीन घंटे तक पूर्णागिरि मार्ग पर आवागमन नहीं हो पाया। वर्षा के बीच स्वाला व अमोड़ी में भूस्खलन होने से टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग रात में बंद हो गया। एनएच से आवागमन करने वाले सैकड़ों वाहन फंसे रहे। बुधवार सुबह नौ बजे एनएच सुचारू हो पाया।
पूर्णागिरि मार्ग पर मंगलवार शाम साढ़े सात बजे से मलबा आने से आवाजाही बंद है। इस वजह से दर्शन के लिए गए श्रद्धालु फंसे रहे। जिले में बिनवालगांव-धरसों, लफड़ा-स्यूली-बूड़ाखेत, कुलयालगांव-साल-टांण मोटर मार्ग भी बंद हैं।
बनिक और दरकोट में फिर दरकी चट्टान, मुनस्यारी सड़क रही बंद
पिथौरागढ़ । भारी वर्षा से एक बार फिर कई स्थानों पर चट्टानें दरक गई। थल-मुनस्यारी और जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर मलबा आ जाने से आवागमन कई घंटे ठप रहा। इधर जिला मुख्यालय में पिथौरागढ़-झूलाघाट मोटर मार्ग पर विशाल पेड़ टूट जाने से मार्ग घंटों बाधित रहा। जिले में नदियों का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। बुधवार को जिले में 25 मोटर मार्ग बाधित रहे।
मंगलवार की शाम शुरू हुई वर्षा बुधवार की सुबह तक जारी रही। थल-मुनस्यारी मोटर मार्ग में रात्रि नौ बजे बोल्डर और मलबा आ जाने से मार्ग बाधित हो गया। बुधवार को 11 बजे मार्ग से मलबा हटाया जा सका। इस दौरान आवागमन करने वाले वाहन फंसे रहे।
दूसरी ओर मुनस्यारी-जौलजीबी मोटर मार्ग पर दरकोट के पास मलबा आ जाने से मार्ग बाधित हो गया। जौलजीबी मार्ग पर भी वाहनों का संचालन घंटों ठप रहा। दोनों मार्ग बंद होने से लोगों को आवागमन में खासी दिक्कत झेलनी पड़ी। इधर जिला मुख्यालय में पिथौरागढ़-झूलाघाट मोटर मार्ग पर किल्ल के पास विशाल पेड़ टूटकर सड़क पर आ गिरा।
देवयोग से घटना के वक्त मार्ग पर कोई वाहन और राहगीर नहीं था, जिससे बड़ा हादसा टल गया। पेड़ गिर जाने से चार घंटे तक यातायात बाधित रहा। लंबी यात्रा पर निकले लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
जनपद में सर्वाधिक 63 मिमी वर्षा पिथौरागढ़ तहसील में दर्ज हुई। डीडीहाट में 60 मिमी, धारचूला में 55 मिमी और बेरीनाग में 54 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। काली नदी चेतावनी लेवल से मात्र .20 मिमी नीचे बह रही है।