अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रथम बेला में दिगंबर अखाड़े में राम मंदिर आंदोलन के महानायक ब्रह्मलीन रामचंद्रदास परमहंस की मूर्ति का अनावरण किया। रामचंद्रदास की 21वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उन्होंने कहा कि उनका पूरा जीवन राम जन्मभूमि के लिए समर्पित था।
उन्होंने राम मंदिर को अपने जीवन का मिशन बनाया। परमहंस की मूर्ति को देख ऐसा लगा कि अभी वह कुछ बोलने वाले हैं। मुझे मूर्ति स्थापना का सौभाग्य प्राप्त हुआ। गोरक्षपीठ, दिगंबर अखाड़ा एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। तत्कालीन महंत दिग्विजयनाथ के सानिध्य में वह आंदोलन में अग्रणी रहे।
‘हमें एकजुट होना होगा’
सीएम याेगी ने बांग्लादेश का नाम लिए बिना कहा कि आज पड़ोसी मुल्कों में हिंदुओं को खोजकर मारा जा रहा है। मठ-मंदिर तोड़े जा रहे हैं। हमें इतिहास से सीख लेना होगा। एक होकर संकल्प के साथ काम करना होगा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने सरयू के संत तुलसीदास घाट तट पर स्थित परमहंस की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
अयोध्यावासियों को अब मिल रहा है देश में सम्मान
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अयोध्यावासियों को पूरे देश में सम्मान मिल रहा है। सम्मान मिलता नहीं, सम्मान सुरक्षित करना होगा। संतों की पहचान यही है। परमहंस जी सोच रहे होंगे। मेरा संकल्प पूरा हुआ। उनका आशीर्वाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी प्राप्त हुआ। यज्ञ की पूर्णाहुति में उनका आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। आत्मा अजर है, उसे कोई मार नहीं सकता है। परमहंस जी वापस दिगंबर अखाड़ा में वीरान हो गए हैं, क्योंकि वह मेरे गुरु के गुरु थे। मेरे गुरु हमेशा यह जानना चाहते थे कि परमहंस जी कैसे थे? उनकी सरलता के कारण कोई नहीं जान सकता था कि वो कितने बड़े नेतृत्वकर्ता हैं। कितने बड़े गुरु हैं। कितने चमत्कारी हैं। मूल्य व आदर्श के लिए परमहंस जी हमेशा डटे रहे। दुनिया की तस्वीर वर्तमान में देख रहे होंगे।
दो दिन के दौरे पर हैं सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार से रामनगरी के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने मंगलवार देर रात लता मंगेशकर चौक व धर्म पथ के बीच विकसित हेरिटेज वाल का लोकार्पण किया। हेरिटेज वाल में राम कथा पर केंद्रित 163 चित्र संयोजित किए गए हैं। इन चित्रों की विषयवस्तु का चयन और परिकल्पना प्रख्यात साहित्यकार यतींद्र मिश्र ने की है। मंदिर आंदोलन के नायक की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने अयोध्या आए मुख्यमंत्री की यात्रा को राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
लोकसभा चुनाव 2024 में अयोध्या से युक्त फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी की पराजय के बाद मुख्यमंत्री का यह पहला अयोध्या दौरा है। उनकी निगाहें लोकसभा चुनाव में हार की भरपाई के रूप में इसी लोकसभा क्षेत्र के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के होने वाले उपचुनाव पर टिकी हैं। वह इस सीट को सपा से छीनकर यह संदेश देना चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र से भाजपा की पराजय गफलत की वजह से थी और क्षेत्र में भाजपा का दबदबा पूर्ववत कायम है।