नई दिल्ली। भारतीय रेलवे में महिला सुरक्षा कर्मियों की भारी कमी है। महिला सुरक्षा कर्मियों की यह कमी ट्रेनों में सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। इस संबंध में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह द्वारा रेल मंत्रालय से कई सवाल पूछे गए थे, जिनका मंत्रालय ने जवाब दिया है।
संजय सिंह के अनुसार मंत्रालय से मिले जवाब के मुताबिक ट्रेनों के आरक्षित डिब्बों में रोजाना सफर कर रही 66 लाख महिलाओं की सुरक्षा में ‘मेरी सहेली’ स्कीम के तहत मात्र 700 महिला सुरक्षा कर्मी ही तैनात हैं। जबकि रेलवे में करीब 63 हजार सेवा कर्मी तैनात हैं और इसमें मात्र 9.36 फीसद यानी 5900 महिला सुरक्षा कर्मी तैनात हैं।
संसद के मॉनसून सत्र में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह द्वारा भारतीय रेल में महिला यात्रियों की सुरक्षा के संबंध में पूछे गए अतारांकिक प्रश्न का जवाब रेल मंत्रालय द्वारा 25 जुलाई 2024 को दिया गया। केंद्र सरकार के जवाब में यह तथ्य सामने आया है कि भारतीय रेल में प्रतिदिन लगभग 66 लाख महिलाएं आरक्षित डिब्बों में यात्रा करती हैं। जिनकी सुरक्षा के लिए मात्र 700 महिला सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। सरकार ने अपने जवाब में बताया कि स्कीम ‘मेरी सहेली’ के तहत 66 लाख महिला यात्रियों के लिए मात्र 700 महिला सुरक्षा कर्मी तैनात किये गए जो अपने आप में बहुत हीं चिंताजनक आंकड़ा है।
रेलवे सुरक्षा बल में रिक्तियों के संबंध में सिंह के सवाल पर सरकार ने बताया कि वर्तमान में लगभग 4660 पद रिक्त हैं। सुरक्षा में महिला सुरक्षा कर्मियों की भागीदारी के संबंध में पूछे गए प्रश्न पर सरकार ने बताया कि 63 हजार के लगभग सेवा कर्मियों में मात्र 9.36 फीसद महिला सुरक्षा कर्मी है। यानी महिला सुरक्षा कर्मियों की सख्या मात्र 5900 है, जबकि रेलवे 66 लाख से अधिक महिला प्रतिदिन यात्रा करती है। महिला आरपीएफ कर्मियों की भारी कमी के कारण भारतीय रेल में यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न चिन्ह उठता है। यह कमी महिला यात्रियों को कई तरह के जोखिमों में डाल सकती है।