स्वास्थ्य विभाग मेहरबान या लापरवाह, गोण्डा में बिना रजिस्ट्रेशन धड़ल्ले से चल रहे अस्पताल

गोण्डा: जिले मेंं सैकड़ों अवैध हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर चल रहे हैं कोई अस्पताल दो कमरे में चल रहा है तो कोई किराए के मकान में इनमें ज्यादातर में झोलाछाप इलाज के नाम पर मरीजों से वसूली कर रहे हैं.शहर में संचालित अवैध अस्पतालों में प्रशिक्षित स्टाफ नर्स नहीं होती हैं और न ही ट्रेड टेक्नीशियन रखे जाते हैं।इस तरह के अस्पतालों में लापरवाही की हद तो यह है कि आयुर्वेदिक स्नातक की डिग्री पर चिकित्सक गंभीर अवस्था के मरीजों का सीजर ऑपरेशन करते हैं.ऑपरेशन टेबल पर मरीजों का केस बिगड़ने पर बाहर से प्रशिक्षित चिकित्सकों को बुलाया जाता है।जिले में अवैध रूप से चलाए जा रहे नर्सिग होम व अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग का शिकंजा नहीं कसने से मानकों को ताक पर रखकर चलाए जाने वाले अवैध अस्पतालों के संचालको के हौसले बुलंद है बिना रजिस्ट्रेशन व सुविधाओं के चल रहे अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी है,मनमाने तरीके से चलाए जा रहे अस्पतालों के सवालों के घेरे में आने के साथ ही विभागीय कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे है।जिले दर्जनों  से अधिक अस्पताल मानक विहीन अस्पताल है जो स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से बचें हुए हैं।

मरीजों की जान से कर रहे खिलवाड़

स्वास्थ्य विभाग के सेटिंग गेटिंग के खेल चलते इन अस्पतालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती है. ये मानक विहीन अस्पताल बड़ी बीमारी बताकर अस्पताल आये हुए मरीजों का शोषण करते है बिना पंजीकरण के अस्पतालों का संचालन करने वाले संचालक अथवा ऐसे जगहों पर तैनात डॉक्टर गम्भीर रूप से सामान्य बीमारी से बीमार मरीजों को भी बड़ी बीमारी बताकर लम्बा इलाज करते है और शोषण करते है प्रसव के आने वाली महिलाओं को बिना जांच के ही ऑपरेशन की सलाह दे दी जाती है. जिससे कई बार महिलाओं व नवजात की जान भी चली जाती है।ऐसे ही एक मामला जिले के बालपुर में संचालित अवैध वैभव हॉस्पिटल में सामने आया है।

29 जुलाई को बालपुर पुलिस चौकी के सामने वैभव हॉस्पिटल का उद्धाटन कैसरगंज के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने किया था।जो बिना पंजीकरण कराए ही हॉस्पिटल की शुरूआत कर दी गई वही उद्घाटन के दूसरे दिन ही मंगलवार को ऑपरेशन के दौरान हॉस्पिटल में नवजात शिशु की मौत हो गई।कटरा बाजार के चरेरा निवासी नीरज तिवारी ने तहरीर देकर बताया था कि उसके भाई हिमांशु तिवारी की पत्नी सुभाषनी देवी (24) के सिजेरियन के दौरान नवजात की मौत हो गई।आरोप था कि ऑपरेशन के बाद डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी प्रसूता को तड़पता छोड़कर भाग निकले।अवैध वैभव हॉस्पिटल संचालन की घटना की जानकारी होने के बावजूद जिम्मेदार कार्रवाई करने को आगे नहीं आ रहे हैं। हलधरमऊ सीएचसी अधीक्षक संत प्रताप वर्मा ने ये कहकर हाथ खड़े कर दिए कि कार्रवाई जिले स्तर के अधिकारियों को करना है।लेकिन अभी तक अवैध रूप से संचालित वैभव हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई करने से जिम्मेदार कतरा रहे हैं।बालपुर में संचालित अवैध वैभव हॉस्पिटल पर बृहस्पतिवार तक कोई कार्रवाई नहीं हो हुई है।

जिले में संचालित हो रहे सैकड़ो से अधिक अस्पताल

जिले में सैकड़ो से अधिक अस्पताल व नर्सिग होम का संचालन किया जा रहा है जहां पर ओपीडी से लगाकर ऑपरेशन तक की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. संसाधनों के अभाव के बीच में प्रशासन की बगैर जानकारी के चल रहे है और इन अस्पतालों होने वाली मौतों का भी पता नहीं चल पाता है मनमाने तरीके से चलने वाले अस्पतालों पर होने वाली मौतों तक का पता प्रशासन या लोगों को पता तब चलता है जब परिवार के लोग मामले की शिकायत करतें है या फिर मौत के बाद हो हल्ला करते है।वही पूरे मामलें को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.रश्मि वर्मा से दूरभाष पर लेने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

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