हरदोई में अधिवक्ता हत्या काण्ड से अधिवक्ताओं में उबाल ,डी एम कार्यालय पर की सभा,सौंपा ज्ञापन

बाराबंकी। 30जुलाई को हरदोई में हुई कनिष्क मेहरोत्रा एडवोकेट हत्या कांड का अब तक खुलासा न होने से आहत जिला मुख्यालय के अधिवक्ताओं ने जिला बार एसो ,के नेतृत्व में जिला बार एसो से जुलूस निकाला गया।जुलूस जिला बार से सिविल कोर्ट परिसर पहुंचा तथा सिविल कोर्ट परिसर में भ्रमण वा नारेबाजी करता हुआ जुलूस फैजाबाद रोड पर पहुंचा।आगे जाकर एस बी आई बैंक तिराहे पर अधिवक्ताओं ने जाम लगा दिया,महामंत्री अशोक वर्मा राज मार्ग पर ही कुछ साथियों सहित धरना बैठ गए। अध्यक्ष हिसाल बारी किदवई ने आम जनता को समस्या न हो,इसलिए जाम हटाने का एलान किया और कार्यकारिणी वा सैकड़ों अधिवक्ता गण के साथ कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे तथा आगे जाकर डी एम कार्यालय पर सभा की और इस बिभत्स हत्या काण्ड की निंदा की।

डी एम कार्यालय पर अपना उद्बोधन देते हुए जिला बार एसो अध्यक्ष हिसाल बारी किदवई ने कनिष्क मेहरोत्रा एडवोकेट हत्या काण्ड की कड़े शब्दों में निन्दा की,उन्होंने कहा कि आज बौद्धिक वर्ग जो आम जनता को इंसाफ दिलाता है,वही वर्ग सुरच्चित नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में एडवोकेट प्रोटेक्सन एक्ट लागू है तो यूपी में क्यों नहीं,उन्होंने कहा की सरकार अपनी जवाबदेही से भाग रही है, अध्यक्ष श्री किदवई ने सरकार से मांग की कि मृतक के वारिसान को बीस लाख रूपये मुवावजा दिया जाय और एरिया के पुलिस इंस्पेक्टर को निलंबित किया जाय। महामंत्री अशोक वर्मा ने कहा कि घटना के तीन दिन बाद भी हमलावरों तक न पहुंच पाना हरदोई जिला प्रशासन/पुलिस प्रशासन की अकर्मण्यता दर्शाता है। इस अवसर पर वरिष्ट उपाध्यक्ष देवेन्द्र प्रताप यादव,प्रदीप बाजपेई,विजय पांडेय,विनोद यादव,मदन यादव वा कार्यकारिणी,पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर दयाल शर्मा,के के त्रिपाठी,रमन द्विवेदी,अमीनुद्दीन,सुनीत अवस्थी,आर के शर्मा,सुरेश गौतम,अनूप कल्याणी,रितेश मिश्रा,संदीप मिश्रा,सतीश पांडेय,आर पी सिंह राजन,के आर यादव,भानु प्रताप सिंह,श्रवण सिंह सहित सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद थे। अंत में वायनाड में मृत लोगों के परिजनों को उचित मुवाबजा तथा कनिष्क मेहरोत्रा एडवोकेट के वारिसान को बीस लाख रूपये मुआवजा देने तथा हमलावरों के विरूद्ध कार्यवाही संबंधी ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधान मंत्री वा मुख्य मंत्री को भेजा।इस बीच भारी पुलिस बल तैनात रहा।

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