सीएमओ कार्यालय का डीएम ने किया औचक निरीक्षण
अनुपस्थित लोगों से एक सप्ताह में मांगा स्पष्टीकरण
बलिया। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान वहां 5 एसीएमओ सहित 21 कर्मचारी अनुपस्थित मिले। सभी गैैरहाजिर कर्मियों का स्पष्टीकरण तलब किया है। इस लचर व्यवस्था के लिए सीएमओ की भी फटकार लगाते हुए सुधार लाने की चेतावनी दी।
जिलाधिकारी के अचानक सीएमओ कार्यालय में पहुंचने की हड़कम्प मच गया। वहां पहुंचते ही उन्होंने उपस्थिति पंजिका की जांच की। इसमें एसीएमओ डॉ पद्मावती, डॉ विजय यादव, डॉ अशोक कुमार, डॉ आनन्द कुमार व डॉ योगेंद्र दास के अलावा वरिष्ठ सहायक संतोष श्रीवास्तव, संजीव निगम, गोपाल सिंह, मुन्ना बाबू, मारकण्डेय पाण्डेय, राजेश कुमार, अफसाना खातून व सौरभ माथुर, बीएचडब्ल्यू देवेन्द्र झा, जेई प्रेमचंद गैरहाजिर मिले। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उमेश कुमार, अमरेंद्र कुमार, ओमप्रकाश रावत, अजय यादव, सुनरी देवी व वार्ड बॉय आशीष सिंह भी अनुपस्थित मिले। सभी को एक हप्ते के अंदर स्पष्टीकरण तलब किया है।
कर्मचारियों का जारी करें पहचान पत्र
बलिया। सीएमओ कार्यालय पहुंचते ही गैलरी में 15-20 की संख्या में लोग थे, जो जिलाधिकारी को देख इधर-उधर भागने लगे। इस पर जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देश दिया कि कार्यालय में काम करने वाले कर्मियों का पहचान पत्र जारी करें। सभी कर्मचारी पहचान पत्र लेकर कार्यालय में रहें, ताकि आम नागरिक व कर्मचारियों की पहचान हो सके।
महंगाई भत्ता देने में देरी पर जताई नाराजगी
बलिया। निरीक्षण के दौरान लेखा अनुभाग में सीएचसी सोनवानी के वरिष्ठ सहायक भूपेश द्विवेदी के आने का कारण पूछा तो महंगाई भत्ते के भुगतान में देरी करने की बात सामने आई। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और सीएमओ को इस आशय का स्पष्टीककरण मांगा कि इस विलम्ब के लिए उत्तरदायी कौन है। पेंशन पत्रावलियों की जांच की तो पटल सहायक सुदामा प्रसाद ने बताया कि पेंशन प्रपत्र पर सीएमओ के हस्ताक्षर के बिना ट्रेजरी में भुगतान के लिए भेजा जाता है। इस पर सवाल करते हुए कहा कि अगर प्रक्रिया सही नहीं है तो इसके लिए जिम्मेदार कर्मी का उत्तरादायित्व निर्धारित करते हुए कार्यवाही करें।
राज्य कर विभाग में व्याप्त गंदगी पर बिफरे
बलिया। जिलाधिकारी ने राज्य कर विभाग का भी औचक निरीक्षण किया। इस दौरान वहां भारी गंदगी मिलने व पत्रावलियों पर धूल जमा जैसी स्थिति मिलने पर नाराजगी जताई। चेतावनी देते हुए कहा कि दो दिन के अंदर कार्यालय की साफ सफाई कराकर अवगत कराएं। निरीक्षण के दौरान एक व्यापारी ने नोटिस जारी करने के सम्बन्ध में शिकायत की, जिसके बारे में उपायुक्त से जानकारी ली। उन्होंने व्यापारी से कहा कि अगर कार्यालय में कोई भी किसी प्रकार की अवैध धनराशि की मांग करता है तो सीधे मुझे बताएं।