प्रयागराज। प्रयागराज रामबाग रेलवे स्टेशन की नवनिर्मित बाउंड्रीवाल तेज बारिश में ढह गई। मलबे से आधा दर्जन वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों ने नारेबाजी कर विरोध जताया। मामले में बाउंड्रीवाल गिरने के कारणों का पता लगाने के लिए रेलवे ने जांच टीम भी गठित कर दी है।
रामबाग रेलवे स्टेशन के मलाकराज साइड में प्लेटफार्म निर्माण के साथ रेल विकास निगम लिमिटेड ने एक दीवार बनाई है। यह स्टेशन की बाउंड्रीवाल का काम करती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बाउंड्रीवाल का लगभग 20 मीटर से ज्यादा का हिस्सा गिर गया है।
बुधवार तेज बारिश के दौरान यहां बड़ा पेड़ दीवार पर गिरा। इससे बाद बाउंड्रीवाल का हिस्सा दूसरी ओर ढह गया। इससे बाउंड्रीवाल से सटकर खड़ी दो कार, ई-रिक्शा आदि मलबे के नीचे दब गए। बारिश बंद होने के बाद आरपीएफ, जीआरपी व स्थानीय पुलिस के साथ रेलवे स्टाप मौके पर पहुंचे।
लोगों ने नारेबाजी कर कार आदि के नुकसान का रेलवे से मुआवजा मांगा। पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के पीआरओ अशोक कुमार ने बताया कि रामबाग स्टेशन के मलाकराज की तरफ ट्रैक दोहरीकरण व नए प्लेटफार्म का निर्माण चल रहा है। तेज बारिश, हवा व पेड़ गिरने से पुरानी दीवार गिरने की सूचना मिली है। घटना की जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई होगी।
बारिश से उड़ी बिजली, 48 घंटे बाद बदला ट्रांसफार्मर
बिजली व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त होने का दावा भले ही विभाग के अफसर करते हो, लेकिन सच्चाई इसके अलग है। नैनी डिवीजन के डांडी क्षेत्र में 17 घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप रही और लोग उमसभरी गर्मी से बेहाल रहे। देवघाट मुहल्ले में तो स्थिति और भी खराब रही।
यहां सोमवार देर रात करीब एक बजे जला ट्रांसफार्मर बुधवार देर रात लगभग एक बजे बदला गया, यानी 48 घंटे बाद। इस दौरान लोग पेयजल समेत तमाम समस्याओं से जूझते रहे। इंदलपुर उपकेंद्र से डांडी मुहल्ले में बिजली आपूर्ति की जाती है।
मंगलवार रात लगभग आठ बजे ट्रांसफार्मर व लाइन में तकनीकी खराबी आ गई। लोगों की सूचना पर कर्मचारी यहां पहुंचे। मरम्मत कार्य किया और देर रात दो बजे आपूर्ति बहाल हुई। बिजली कर्मियों के जाने के बाद केबल में फिर से आग लग गई। सूचना पर बिजली काटी गई। काफी देर बाद बिजली कर्मी पहुंचे।
केबल काटकर चले गए। इसके चलते रातभर लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा। उमसभरी गर्मी में लोग सो नहीं सके। मंगलवार सुबह बारिश शुरू हो गई। बिजली गुल होने से नलकूप नहीं चले, जिससे लोगों के सामने पेयजल संकट खड़ा हो गया। बारिश की वजह से मरम्मत कार्य देर से शुरू हो सका। शाम करीब चार बजे आपूर्ति चालू हुई।
उधर, देवघाट मुहल्ले में सोमवार देर रात लगभग एक बजे ट्रांसफार्मर फुंक गया। इससे सौ से अधिक घरों में अंधेरा छा गया। मंगलवार सुबह लोगों ने पीपल गांव उपकेंद्र के अधिकारियों को जानकारी दी, लेकिन ट्रांसफार्मर नहीं मंगवाया गया। कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई।
लोगों को पेयजल समेत अन्य परेशानियों से जूझना पड़ा। बुधवार सुबह लोग उपकेंद्र पर पहुंचे, तब जाकर अधिकारियों ने दूसरा ट्रांसफार्मर मंगवाने के लिए लिखापढ़ी की। देर रात यहां ट्रांसफार्मर लगवाकर एक बजे आपूर्ति बहाल की गई।
देर शाम तक होती रही ट्रिपिंग
बारिश के दौरान बुधवार सुबह कई मुहल्लों में बिजली आपूर्ति बंद हो गई। कहीं तारों पर पेड़ों की टहनियां गिरीं तो कहीं तार टूट गया। केबल बाक्स में भी खराबी आई। मरम्मत कार्य के बाद आपूर्ति बहाल हुई तो ट्रिपिंग की समस्या बन गई। देर शाम तक बिजली की आवाजाही से लोग परेशान रहे।
लाउदर रोड, नवाब युसूफ रोड, मानसरोवर, अटाला, सलोरी, बड़ी बगिया मुहल्ले में बिजली के तारों पर पेड़ों की टहनियों टूटकर गिर गई। जबकि सदियापुर, चकिया, ट्रांसपोर्ट नगर में तार टूटने से करीब एक घंटे तक बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। मीरपुर गोल चौराहा, अतरसुईया, ज़ीटीबी नगर, दारागंज, छोटा बघाड़ा क्षेत्र में केबल बाक्स में खराबी आने से लगभग डेढ़ घंटे बिजली आपूर्ति बंद रही।