बाबा बैजनाथ के चित्र की प्रतियोगिता में अनुष्का निगम को मिला प्रथम स्थान
बाराबंकी। संत कवि बाबा बैजनाथ राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरख में कल्चरल क्लब के तत्वावधान में ‘सुर साधना-संगीत गायन की एक दिवसीय कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि के साथ हुआ। यह कार्यशाला दो सत्रों में विभाजित थी। पहले सत्र में मुख्य अतिथि राजकीय महिला महाविद्यालय, झांसी के संगीत गायन विषय के प्राध्यापक डॉ. दीप सिंह थे। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि संगीत जीवन को नैसर्गिक आनंद की अनुभूति कराता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. मंजरी नौटियाल ने कहा संगीत हम सभी के जीवन अभिन्न अंग है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य प्रो. राजेश कुमार चतुर्वेदी ने संगीत की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए सभी को इससे जुड़ने की सलाह दी। कार्यशाला के तकनीकी सत्र का शुभारंभ डॉ दीप सिंह ने राम आएंगे तो अंगना सजाएंगे भजन से प्रारंभ किया। छात्र-छात्राओं को गीतों की बारीकियां को समझाते हुए उन्होंने कई गीत सुनाए। बरसन लागी बदरिया झूम झूम के-कजरी सुनाई, वहीं लोकगीत- रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे सुनाया। अमीर खुसरो का बहुचर्चित गीत छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके सुना कर सभी को मोहित किया।
ऐसे ही वह भैरवी राग के अंतर्गत लागा चुनरी में दाग के द्वारा राग भैरवी से परिचित कराया। तकनीकी सत्र के उपरांत गीत गायन की प्रतियोगिता की गई, जिसमें शालिनी (बीएससी पंचम सेमेस्टर) की छात्रा ने सांवली सूरत गीत पर, मोहन व नेहा (एमएससी तृतीय सेमेस्टर) ने जिंदगी प्यार का गीत है, छात्रा दिव्या शर्मा (एमएससी तृतीय सेमेस्टर) ने लिंगाष्टकम, छात्रा तुषा वर्मा (बीए तृतीय सेमेस्टर) ने तेरे एहसान का बदला और अंत में अनुष्का निगम ने ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान की प्रस्तुति दी। तत्पश्चात 30 जुलाई को हुए बाबा बैजनाथ के चित्र की प्रतियोगिता में शामिल 16 प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। जिसमें प्रथम स्थान पर बीकॉम तृतीय की छात्रा अनुष्का निगम, द्वितीय स्थान पर एमएससी तृतीय की छात्रा दिव्या शर्मा, एवं तृतीय स्थान पर एम.कॉम तृतीय की छात्रा अदिति यादव रहीं। कल्चरल क्लब की सह प्रभारी डॉ. रेनू मौर्य ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर क्लब के कोषाध्यक्ष डॉ आलोक, समन्वयक डॉ रामलाल एवं महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण विद्यार्थी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।