केरल भूस्खलन घटना पर अमित शाह ने राज्यसभा में दिया जवाब

नई दिल्ली। केरल के वायनाड में 30 जुलाई को हुए भूस्खलन को लेकर राज्यसभा में चर्चा हुई। गृह मंत्री अमित शाह ने भूस्खलन के कारण जान गंवाने वाले शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। वहीं, उन्होंने इस आपदा को लेकर कुछ जानकारी सदन में साझा की।

केरल सरकार ने समय रहते नहीं उठाया कदम: अमित शाह
अमित शाह ने आज संसद में दावा किया कि केरल सरकार को 23 जुलाई को संभावित भूस्खलन के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी गई थी। उन्होंने कहा था कि पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार को वायनाड में भूस्खलन आने से एक सप्ताह पहले ही केंद्र द्वारा चेतावनी दी गई थी।

अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, “केरल में एनडीआरएफ की नौ टीमें पहले ही भेज दी गई थीं। केरल सरकार ने समय रहते लोगों को नहीं निकाला।”

‘प्लीज रीड इट’
उन्होंने कहा कि सात दिन पहले यह चेतावनी दिये जाने के बाद 24 एवं 25 जुलाई को फिर चेतावनी दी गयी और 26 जुलाई को कहा गया कि ‘‘20 सेंटीमीटर से अधिक तथा भारी वर्षा होगी, भूस्खलन की आशंका है, गाद भी बहकर नीचे आ सकता है, लोग इसके अंदर दबकर मर भी सकते हैं। ’’

शाह ने कहा कि वह इन बातों को सदन में नहीं कहना चाहते थे किंतु जब कुछ सदस्यों ने कहा, ‘‘प्लीज लिसन अस (हमारी बात सुनिये), प्लीज लिसन अस… तो हमारा (सरकार का) कहना है, प्लीज रीड इट (चेतावनी को कृपया पढ़िए)। जो चेतावनी भेजी गई है, उसको पढ़िये जरा।’’

अमित शाह ने ओडिशा का किया जिक्र
उन्होंने कहा कि इस देश में कुछ राज्य सरकारें ऐसी रही हैं जिन्होंने पूर्व में इस प्रकार की पूर्व चेतावनी पर काम करके इस तरह की आपदाओं में किसी को हताहत नहीं होने दिया। उन्होंने ओडिशा की पूर्ववर्ती नवीन पटनायक सरकार को चक्रवात के बारे में सात दिन पहले दी गयी चेतावनी का उदाहरण दिया और कहा कि उस चक्रवात में केवल एक व्यक्ति की जान गई, वह भी गलती से।

शाह ने कहा कि गुजरात को इसी प्रकार चक्रवात की तीन दिन पहले चेतावनी दे दी गयी और वहां एक पशु तक नहीं मरा।

गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने 2014 के बाद पूर्व चेतावनी तंत्र पर 2000 करोड़ रूपये खर्च किए हैं तथा सात दिन पहले राज्यों को चेतावनी दी जाती है।

कुछ लोग सिर्फ विदेश की साइट खोलते हैं: अमित शाह
उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार की चेतावनी वेबसाइट पर डाली जाती है जो सांसदों के लिए भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग तो यहां की साइटें खोलते ही नहीं हैं, बस, विदेश की साइटें खोलते रहते हैं। विदेश से तो पूर्व चेतावनी आएगी नहीं, हमारी ही साइट देखनी पड़ेगी।’’

उन्होंने कहा कि गर्मी, तूफान, चक्रवात, वर्षा और यहां तक आकाशीय बिजली के बारे में भी पूर्व चेतावनी देने का तंत्र मौजूद है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने इस तंत्र का लाभ उठाया और उसके परिणाम मिले।

गृह मंत्री ने कहा कि उनके अनुमोदन से 23 जुलाई को ही एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की नौ टीमें विमान से केरल रवाना हो गयी थीं क्योंकि भूस्खलन होने की आशंका थी। उन्होंने प्रश्न उठाया कि केरल सरकार ने समय रहते संवेदनशील स्थलों से लोगों को एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित क्यों नहीं किया और यदि किया, तो इतने लोग मारे कैसे गये?

उन्होंने सदस्यों की टोकाटाकी पर कहा कि लोगों को पहले नहीं, बाद में स्थानांतरित किया गया।

इस साल देश के पास होगी अर्ली वार्निंग सिस्टम
अमित शाह ने आगे जानकारी दी कि 2023 तक भारत के पास दुनिया की सबसे आधुनिक अर्ली वार्निंग सिस्टम होगी। उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया के उन चुनिंदा चार देशों में शामिल है, जो मौसम के मिजाज का पूर्वानुमान सात दिन पहले तक लगा सकते हैं।

बता दें कि इस आपदा में अब तक 158 लोगों की मौत की खबर सामने आ चुकी है। वहीं, सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं। गृह मंत्री ने आगे कहा,”ये समय है केरल की जनता और वहां की सरकार के साथ खड़े रहने का। मैं सदन को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि नरेन्द्र मोदी सरकार केरल की जनता और वहां की सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी।”

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